Big Breaking: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से एक जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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ब्यूरो रिपोर्ट

नई दिल्ली, 10 मई 2024|

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी स्कैम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केजरीवाल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ये जमानत केजरीवाल को 1 जून तक के लिए दी गई है. जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने जमानत का आदेश पारित किया है. ईडी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का जोरदार विरोध किया था.

 

 

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी स्कैम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं. सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली एक्साइज पॉलिसी स्कैम मामले में ईडी की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा था. दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे पहले उनकी याचिका खारिज कर दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के सामने वर्तमान अपील की गई.

सात मई को हुई अपील पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का संकेत दिया था ताकि वह आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर सकें. हालांकि, यह भी कहा गया था कि यदि अंतरिम जमानत दी जाती है, तो केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में कोई भी आधिकारिक कर्तव्य निभाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

2022 में शुरू हुई जांच
केजरीवाल के खिलाफ ईडी की मनी-लॉन्ड्रिंग जांच 2022 में शुरू हुई थी. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शिकायत पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस केस में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. एजेंसियों ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर यह आरोप लगाया गया है कि कुछ शराब विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति में खामियां पैदा करने के लिए केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य सहित AAP नेताओं ने एक आपराधिक साजिश रची गई थी.

केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं. ईडी ने पहले कहा था कि केजरीवाल के साथ सिर्फ इसलिए किसी अन्य अपराधी से अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह एक राजनेता हैं.

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ईडी ने क्या दी दलील?
अपनी दलील देते हुए इससे पहले ईडी ने पहले कहा था कि केजरीवाल के साथ सिर्फ इसलिए किसी अन्य अपराधी से अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह एक राजनेता हैं. केजरीवाल के वकील ने बाद में इस बात को लेकर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल को छूट नहीं है, लेकिन उनके अधिकार किसी अन्य व्यक्ति के अधिकारों से कमतर भी नहीं हैं. पिछली सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने 2024 के भारतीय आम चुनावों से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर ईडी से सवाल किया था.

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