प्रमोद मिश्रा
रायपुर/नई दिल्ली, 20 जून 2024
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और बिहार के कांग्रेस पार्टी की बड़ी हार के बाद अब तीनों राज्यों के प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हटाए जा सकते हैं । आने वाले दिनों में AICC इसकी घोषणा भी कर देगी । माना जा रहा है कि तीनों राज्यों में पार्टी औसत प्रदर्शन भी नहीं कर पाई जिसके चलते अब तीनों प्रदेश अध्यक्षों की कुर्सी जा सकती है । AICC की सूत्रों की मानें तो बहुत जल्द ही इसका एलान होगा ।
छत्तीसगढ़, बिहार और मध्यप्रदेश में कैसी रही स्थिति?
2024 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 11 में से सिर्फ 1 सीट जीत पाई, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया था । यहां पर मजेदार बात यह भी है कि 2019 के चुनाव में दीपक बैज खुद बस्तर से सांसद बनकर आए थे, लेकिन पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया और बस्तर से भी कांग्रेस हार गई । 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने दीपक बैज को टिकट दिया था, लेकिन वो विधानसभा चुनाव भी जीत नहीं पाए थे और बस्तर संभाग की 12 में से सिर्फ 4 सीटों पर पार्टी जीत पाई जबकि 2023 के चुनाव से पहले कांग्रेस 12 में से 12 सीटों पर काबिज थी । ऐसे में पार्टी अब उन्हें अध्यक्ष पद से हटा सकती है ।
वहीं अगर बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां पर 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का पूरी तरह से सफाया हो गया और 29 में से एक सीट भी पार्टी नहीं जीत पाई । 2019 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ अपनी गढ़ बचाने में कामयाब हो गए थे और उनके बेटे नकुलनाथ ने जीत दर्ज की, लेकिन इस बार नकुलनाथ भी हार गए । प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ही इंदौर लोकसभा सीट से अक्षय कांति बम का नाम आगे किया था और बाद में अक्षय कांति बम नामांकन के बाद बीजेपी में चले गए और कांग्रेस पार्टी ने इंदौर में ‘नोटा’ को सपोर्ट किया । ऐसे में अब जीतू पटवारी की भी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है । हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद 16 दिसंबर 2023 को जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की कमान दी गई थी, लेकिन कमलनाथ के साथ तालमेल न जम पाना और लोकसभा में हार और इंदौर में अक्षत का ‘बम’ तीनों समीकरण को देखते हुए जीतू की कुर्सी भी खतरे के निशान पर है ।
बात करें बिहार के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश सिंह की तो उनके बेटे दो बार लगातार लोकसभा चुनाव हार गए हैं । किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने उन पर बड़ा आरोप लगाते हुए मल्लिकार्जुन खरगे को भी पत्र लिखा है । बिहार में 2025 में विधानसभा का चुनाव होना है ऐसे में पार्टी अब प्रदेश अध्यक्ष बदल सकती है । बिहार में कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ी और सिर्फ तीन सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी जीत पाए । ऐसे में अब डॉक्टर अखिलेश सिंह की भी कुर्सी खतरे में है ।
इन तीनों राज्यों में 2019 में जब मोदी की लहर काफी तगड़ी थी तब भी कांग्रेस के लिए अच्छे परिणाम थे लेकिन इस बार इंडी गठबंधन के पक्ष में माहौल होने के बाद भी पार्टी की और दुर्गति हो गई है । ऐसे में तीनों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों की छुट्टी तय मानी जा रही है ।