कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘भारत और न्याय संहिता’ विषय पर व्याख्यान का हुआ आयोजन, नए कानून के बारे में दी गई महत्वपूर्ण जानकारियां

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 06 जुलाई 2024

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में भारत और न्याय संहिता विषय पर व्याख्यान आयोजित हुआ। जिसमें देश में लागू हुए तीन नए कानूनों के ऊपर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए दूरदर्शन के पूर्व निर्देशक प्रदीप शर्मा ने नए कानून के सभी प्रावधानों के बारे में बताते हुए कहा कि अंग्रेजी कानून का बदलाव नए भारत के लिए जरूरी है। इस नए कानून के तहत भविष्य में आतंकवाद को नए ढंग से परिभाषित किया जा सकता है। अपने अनुभवों के आधार पर कानून की बारीकियों की जानकारी रखने के साथ साथ फील्ड में लोगों से डील करने की निपुणता में दक्ष होने का मंत्र दिया।

 

 

प्रभारी कुलसचिव डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी ने अंग्रेजी राज की कानून व्यवस्था को बदलकर भारतीय न्याय संहिता के रूप में परिवर्तित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज से यह कानून पूरे देश में लागू हो गया है। इस कानून से पीड़ित के अलावा जो निर्दोष हैं उन्हें भी न्याय प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा। साथ ही कानूनी पेचीदगियों और समय की बर्बादी से भी लोग बच पाएंगे। डिजिटल तरीके से साक्ष्य जुटाने की मुहिम में मीडिया और पत्रकार और अधिक सशक्त होंगे। इस कानून से जो न्याय है वही महत्वपूर्ण है यह बात स्पष्ट होता है।

उपकुलसचिव सौरभ शर्मा ने बताया कि दंड न देकर न्याय को केंद्र में रखना इस नए कानून की मूल भावना है। आज देश नागरिकों के केन्द्रीयकरण की ओर बढ़ रहा है। दंड संहिता को बदलकर न्याय संहिता करना नागरिकों के हितों की रक्षा करेगा।

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कार्यक्रम की चर्चा परिचर्चा के दौरान कुछ विद्यार्थियों ने अपनी बात रखी। जिसमें अंजली शर्मा ने कहा कि इस कानून से लिंग आधारित अपराध में मिलने वाले न्याय व सुरक्षा में व्यापक वृद्धि होगी। भेदभाव व पक्षपात से महिलाएं पीड़ित नहीं होंगी। उन्हें न्याय पाने में सुगमता होगी। किसी भी तरह के अपराध में अपराधी को केंद्र में न रखकर पीड़िता को न्याय दिलाना केंद्र में रहेगा।

राघवेंद्र पांडे ने अपना विचार रखते हुए कहा कि साक्ष्य अधिनियम हमें एक पत्रकार के तौर पर और अधिक शक्ति प्रदान करेगा। किसी भी पत्रकार को गलत तरीके से नहीं फंसाया जा सकेगा। नए कानून के आ जाने से नए भारत को न्याय दिलाने का काम करेगा। कुछ लोग संविधान को नहीं मानते किंतु ये कानून उनके भी हितों की रक्षा करेगा। कार्यक्रम का संचालन अमित चौहान एवं आभार चंद्रेश चौधरी ने किया।

कार्यकम में एसोसिएट प्रोफेसर शैलेंद्र खंडेलवाल, डॉ नृपेंद्र शर्मा, चंद्र शेखर शिवहरे सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

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