प्रमोद मिश्रा
नई दिल्ली, 20 जुलाई 2024
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने व्यक्तिगत कारणों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है हालांकि अभी तक उनका इस्तीफा यूपीएससी की ओर से स्वीकृत नहीं हुआ है। आपको बता दें कि उन्होंने 16 मई 2023 को यूपीएससी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल 15 मई 2029 को समाप्त होना था।
सोनी ने निजी कारणों के चलते दिया इस्तीफा
2020 में दीक्षा प्राप्त करने के बाद वे मिशन के भीतर एक साधु या निष्काम कर्मयोगी बन गए थे. सूत्रों का कहना है कि मनोज सोनी का इस्तीफा का मसला IAS पूजा खेडकर से जुड़ा नहीं है. उन्होंने अपने निजी कारणों के चलते इस्तीफा दिया है.तीन बार वाइस चांसलर रहे डॉ. सोनी के नाम सबसे कम उम्र के कुलपति का रिकॉर्ड रहा है. 2005 में वह देश के सबसे कम उम्र के यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर बने थे.
पूजा खेडकर मामले के बाद UPSC चर्चा में
यूपीएससी प्रोबेशनर आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ आरोपों के बाद सुर्खियों में है, जिन्होंने कथित तौर पर सिविल सेवाओं में प्रवेश पाने के लिए अपने डॉक्यूमेंट्स में जालसाजी की थी. हालांकि, मनोज सोनी के इस्तीफे को लेकर कहा जा रहा है कि इस मामले से कोई संबंध नहीं है
पीएम मोदी के करीबी कहे जाते हैं मनोज सोनी
मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों के लिए जाना जाता है, जिन्होंने उन्हें 2005 में वडोदरा में एमएस विश्वविद्यालय का सबसे युवा कुलपति नियुक्त किया था. यूपीएससी में शामिल होने से पहले, उन्होंने गुजरात के दो विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में तीन कार्यकालों में काम किया था, जिसमें डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर ओपन विश्वविद्यालय (बीएओयू) में दो कार्यकाल शामिल हैं.
राहुल ने सोनी की नियुक्ति पर उठाया था सवाल
मनोज सोनी की नियुक्ति पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सवाल उठाया था. सोनी के UPSC चेयरमैन बनने राहुल ने इसे संविधान पर चोट बताया था. उन्होंने सोनी को RSS का करीबी बताया था. कांग्रेस नेता ने कहा था कि मनोज सोनी के अध्यक्ष बनने का मतलब है कि यूपीएससी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की जगह यूनियन प्रचारक संघ कमीशन बन जाएगा.