CG क्राइम ब्रेकिंग : 13 लाख की इनामी महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण, MP के बालाघाट में 19 और CG में 3 मामले हैं दर्ज

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प्रमोद मिश्रा

कबीरधाम, 27 जुलाई 2024

 

 

 

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में शनिवार को एक महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया. उस पर तीन राज्यों में कुल 13 लाख रुपए का इनाम था. नकस्ली की पहचान हिड़मे कोवासी उर्फ रनिता (22) के रूप में हुई है. वो एमएमसी जोनल कमेटी के सदस्य के रूप में सक्रिय थी. प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट डिवीजन की टांडा/मलाजखंड एरिया कमेटी की सदस्य भी थी.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला नक्सली हिड़मे कोवासी पर छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र में 5-5 लाख रुपए और मध्य प्रदेश में 3 लाख रुपए का इनाम था. वो मध्य प्रदेश के बालाघाट में माओवादी हिंसा की 19 घटनाओं और छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में 3 हिंसक घटनाओं में शामिल थी. उसने वरिष्ठ नक्सलियों द्वारा किए गए अत्याचारों, अमानवीय और खोखली माओवादी विचारधारा से निराशा जताते हुए हथियार डाले हैं.



उन्होंने बताया कि उसे राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी.

महाराष्ट्र में 8 लाख की इनामी महिला नक्सली का आत्मसमर्पण

इसके साथ ही महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में भी शनिवार को एक महिला नक्सली ने पुलिस और सीआरपीएफ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. उस पर हत्या और सुरक्षा बलों पर हमला करने का आरोप था. उसके सिर पर 8 लाख रुपए का इनाम था. उसकी पहचान रीना नरोटे उर्फ ललिता के रूप में हुई है, जो कि ‘टेलर टीम’ की कमांडर थी. सीपीआई (माओवादी) के पूरे गढ़चिरौली डिवीजन में रसद के लिए जिम्मेदार थी.

पुलिस के मुताबिक, गढ़चिरौली की रहने वाली इस 36 वर्षीय महिला नक्सली का नाम हत्या और सुरक्षाकर्मियों पर हमले के एक मामले में है. महाराष्ट्र सरकार ने उसे पकड़ने के लिए 8 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था. सुरक्षा बलों को उसकी लंबे समय से तलाश थी. इस बीच उसने महाराष्ट्र पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए केंद्र और राज्य की नीतियों के तहत 5.5 लाख रुपए मिलते हैं, जो कि रीना नरोटे उर्फ ललिता को भी दिए जाएंगे. गढ़चिरौली जिले में नक्सल विरोधी अभियान तेज करने और राज्य सरकार द्वारा नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करने के परिणामस्वरूप 2 साल में 23 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है.

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