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मंडी में ‘मातम’…बादल फटने की घटना से 3 की मौत, 7 लोग अभी भी हैं लापता, लगातार चल रहा है सर्च ऑपरेशन

ब्यूरो रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश, 02 अगस्त 2024

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के द्रंग के राजबन गांव में बादल फटने की घटना के बाद अभी भी 7 लोग लापता हैं। वीरवार दिनभर चले सर्च ऑपरेशन के बाद 2 और शवों व 2 घायलों को मलबे से निकाला गया है।

बता दें कि बीती रात को चौहार घाटी के धमच्याण पंचायत के राजबन गांव में देर रात को बादल फटने से तीन रिहायशी मकान मलबे में समा गए है। घटना में तीन परिवारों के दस लोगों की दुखद मौत हो गई है। हादसे में घायल दो लोगों को सिविल अस्पताल जोगिंद्रनगर में प्राथमिक उपचार के बाद टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। बादल फटने की घटना बुधवार देर रात करीब साढ़े बारह बजे हुई है, जब परिवार के सभी सदस्य गहरी नींद में सोए हुए थे।

घटना का पता चलते ही जिला उपायुक्त अपूर्व देवगन और कार्यकारी उपमंडलाधिकारी पधर भावना वर्मा मोके पर पहुंचे। जिला उपायुक्त की मौजूदगी में मलबे में दबे लोगों की तलाश को लेकर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। स्थानीय ग्रामीणों के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग और जिला रेस्क्यू दल दिन भर सर्च ऑपरेशन में डटे रहे।

तीन परिवारों के दस लोग बने अकाल मौत का ग्रास

बादल फटने के बाद हुई तबाही की इस घटना में तीन परिवारों के 10 लोग अकाल मौत का ग्रास बन गए हैं। इन लोगों की पहचान सौजू राम (80) पुत्र वजीरू राम, चिंडी देवी(75) पत्नी सौजू राम, सोनम(23) पत्नी राम सिंह, मानवी (3 माह) पुत्री राम सिंह, अमन(9) पुत्र ज्ञान चंद, आर्यन(8) पुत्र खेम सिंह, चौत्री देवी(90) पत्नी गोरखू राम, खुड़ी देवी( 46) पत्नी चंदन लाल, अनामिका (11) पुत्री शेष राम, हरदेव(30) पुत्र चमारू राम के रूप में हुई है। सर्च ऑपरेशन के दौरान सौजू राम, उनकी धर्मपत्नी चिंडी देवी और चौत्री देवी के शव ही अभी तक बरामद हो पाए हैं। जबकि अन्य शवों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।

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प्रशासनिक अधिकारियों ने दिनभर संभाले रखा मोर्चा

प्रशासन की ओर से सभी विभागों के आलाधिकारी भी घटनास्थल पर मोर्चा संभाले हुए हैं। मृतकों के पोस्टमार्टम को लेकर मेडिकल की विशेष टीम मोर्चे पर जुटी हुई है। भारी बारिश से जानमाल के नुकसान के साथ साथ चार कारें भी बाढ़ में बह गई हैं। जिनमें एक कार राजबन और तीन कारें थलटूखोड़ में नाले का एकाएक जलस्तर बढ़ने से पानी के बहाव में बह गई। वहीं राजबन में एक गाय और तीन भेड़ बकरियां भी मलबे में दब गई हैं। साथ ही थलटूखोड में दो घराट बह गए है जबकि कई पुलों को नुलसान पहुँचा है। मूसलाधार बारिश से चौहारघाटी की लटराण और तरसवाण पंचायत में भी करोड़ों रुपये के नुकसान की सूचना है। डीसी मंडी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करने के दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राहत मैन्युअल अनुसार मृतकों और पीड़ित परिवारों को रिलीफ फंड जारी किया जाएगा। वहीं खतरे की जद में आए अन्य परिवारों को ठहरने की व्यवस्था उपमंडल प्रशासन ने मिड्ल स्कूल ग्रामीण में की है। वहीं कार्यकारी एसडीएम भावना वर्मा ने बताया कि राजबन गांव के आसपास के मकानों को भी खतरा बना हुआ है। इन मकानों का एहतियातन खाली कराया गया है।

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