रायपुर, 29 अगस्त 2024
एक ओर तो जल बचाओ का नारा देकर नदी-नालों, तालाब जैसे पानी के प्राकृतिक स्त्रोतों को बचाने का आव्हान किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर सरकारी मशीनरी की आंखों के सामने ही लगभग 10 फीट चौड़े नाले पर कब्जा कर लिया गया है। यह बताने की जरूरत नहीं है कि नाले का यह हिस्सा सरकारी है। यह मामला रिंग रोड न. एक, सरोना ब्रिज के बाजू से पुराना आमानाका थाना रोड, डूमर तालाब में चाणक्य कालेज के सामने स्थित नाले का है। इस नाले को भू-माफियाओं ने एक किलोमीटर तक पाट कर समतल कर दिया है। न केवल अवैध निर्माण कराया गया है बल्कि भू माफियाओं द्वारा बाउंड्रीवाल व विद्युत पोल का अतिक्रमण कर नाले को अपनी अधीन कर पाट दिया गया है। इस अवैध कब्जे का वहां के निवासियों, दुकानदारों व भू- स्वामियों ने तीव्र विरोध किया है। डूमरतालाब के निवासियों में भारी आक्रोश है। अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर नाला को पुराना स्वरूप प्रदान नहीं किया गया तो आक्रोश कभी भी उग्र रूप ले सकता है। वास्तविक स्थिति यह थी कि यह नाला चाणक्य कालेज के पास से निकल कर आमानाका थाना के निकट नहर में जाकर मिल जाता था. इससे पानी की निकासी में कोई रूकावट नहीं आती थी। जल भराव नहीं होता था तथा गंदगी भी नहीं होती थी।
अभी हालत यह है कि मामूली बारिश में जलभराव हो जाता है। घरों में पानी भर जाता है। एक ओर तो नगर निगम प्रशासन जल भराव को रोकने नालों की सफाई पर लाखों खर्च करती हैं वहीं दूसरी ओर नाले पर अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। इससे भू-जल स्त्रोत के रिचार्ज पर भी असर पड़ेगा। अफसरों के सुस्त रवैये के कारण अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। लोगों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सहित गृहमंत्री नगरीय निकाय मंत्री, महापौर,स्थानीय विधायक से लेकर सभी संबंधित जगहों पर की है।.