प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 19 अक्टूबर 2024
गैंगस्टर अमन साहू, जिसके खिलाफ 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। यह जानकारी उसके वकील ने दी है। फिलहाल अमन साहू रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है और शनिवार को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 28 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। साहू के वकील हेमंत कुमार ने कोर्ट को बताया कि साहू झारखंड की बरकागांव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहता है और नामांकन भरने के लिए वहां जाना जरूरी है। हालांकि, कोर्ट ने अभी तक इसकी अनुमति नहीं दी है।
साहू के वकील ने बताया, “हमने अपनी बात जज के सामने रखी है। अमन बरकागांव से चुनाव लड़ना चाहता है और इसके लिए उसे झारखंड जाना पड़ेगा ताकि वह नामांकन दाखिल कर सके। हम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।”
अमन साहू को एक व्यवसायी से जुड़े गोलीकांड के मामले में पूछताछ के लिए रायपुर कोर्ट में पेश किया गया था। पुलिस इस गोलीकांड के मामले में साहू से पूछताछ करेगी, जिसमें वह मुख्य संदिग्ध है।
साहू के वकील के अनुसार, “हमने कुछ दस्तावेजों की पुष्टि के लिए कोर्ट में प्रस्तुत किया है। चुनाव की तैयारी के लिए हमारे पास बहुत कम समय है और हमें आगे बढ़ने के लिए कोर्ट की अनुमति चाहिए। अमन फिलहाल छत्तीसगढ़ में है। झारखंड में नामांकन भरने के लिए हमें झारखंड हाई कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा, साहू झारखंड में दो अन्य मामलों में भी शामिल है और अगर हमें उन पर स्टे मिल जाता है, तो वह बरकागांव से चुनाव लड़ सकेगा।”
शनिवार को अमन साहू को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने उसकी न्यायिक हिरासत को 28 अक्टूबर तक बढ़ा दिया। इस दौरान वह रायपुर सेंट्रल जेल में ही रहेगा। इससे पहले, पुलिस को रायपुर के गंज थाने में दर्ज एक मामले में साहू से पूछताछ के लिए 5 दिन की रिमांड दी गई थी।
14 अक्टूबर को 40 सदस्यीय पुलिस दल अमन साहू को प्रोडक्शन वारंट पर झारखंड से रायपुर लेकर आया। साहू पर व्यवसायी प्रहलाद राय अग्रवाल की कार पर गोली चलाने का मुख्य आरोप है। यह घटना 13 जुलाई को हुई थी, जिसमें गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भी नाम सामने आया था। फायरिंग रायपुर के तेलीबांधा इलाके में स्थित पीआरए कंस्ट्रक्शन के ऑफिस के बाहर हुई थी और तब से साहू को रायपुर लाने के प्रयास किए जा रहे थे।
पांच प्रयासों के बाद रायपुर पुलिस साहू को रायपुर लाने में सफल रही। इससे पहले पुलिस अधिकारियों ने चार बार प्रोडक्शन वारंट मांगा था, लेकिन हर बार अनुरोध खारिज कर दिया गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमन साहू का गिरोह अत्याधुनिक हथियारों से लैस है और उसका नेटवर्क झारखंड के कई जिलों में फैला हुआ है, जिनमें धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार और बोकारो शामिल हैं। उसका गिरोह मुख्य रूप से कोयला खनन कंपनियों, कोयला व्यापारियों और परिवहन क्षेत्र के व्यवसायियों को निशाना बनाता है।
9 मई 2023 को अमन साहू ने कथित रूप से एनटीपीसी के कोयला प्रोजेक्ट आउटसोर्सिंग कंपनी रितविक के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद कुमार की हत्या करवाई थी। स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट किया कि साहू ने कुमार से 60 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी और जब उसने इनकार किया तो उसकी हत्या का आदेश दिया गया। साहू पर गिरिडीह जेल के जेलर पर फायरिंग करने का भी आरोप है।
साहू का गिरोह कोयला व्यापारियों, बिल्डरों, परिवहन व्यवसायियों और अन्य कारोबारियों से जबरन वसूली करने के लिए कुख्यात है। साहू ने खुद लॉरेंस बिश्नोई से अपने संबंधों की बात कबूल की है। झारखंड और रायपुर पुलिस के अलावा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी अमन साहू गिरोह की गतिविधियों की जांच कर रही है।
नौ महीने पहले एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) को सौंपी गई सीआईडी की एक रिपोर्ट के अनुसार, साहू के गिरोह में 145 सदस्य हैं, जिनमें से 99 अब तक जेल में नहीं हैं। साहू की गिरफ्तारी के बाद से उसका गिरोह उसके निर्देशों के तहत मयंक सिंह चला रहा है। मयंक उत्तर प्रदेश के देवरिया से है और इस गिरोह के पास 250 से अधिक हथियार हैं, जिनमें 5 एके-47 राइफल, 9 कार्बाइन, 70 देसी कट्टे और 166 पिस्तौल शामिल हैं। माना जाता है कि ये आंकड़े और भी ज्यादा हो सकते हैं।