दीपावली से पहले महिलाओं को मिला खुशियों का तोहफा : महतारी वंदन योजना से सशक्त हो रहीं महिलाएं, आर्थिक संबल से बदल रहे जीवन

Bureaucracy Exclusive Latest छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 30 अक्टूबर 2024

छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना ने राज्य की महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान की है बल्कि उनके आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को भी बढ़ाया है। इस योजना के माध्यम से महिलाएं न केवल अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा कर रही हैं, बल्कि अपने बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को भी समय पर पूरा कर रही हैं। दीपावली से पहले राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान महतारी वंदन योजना के तहत राशि का अंतरण महिलाओं के लिए गर्व का क्षण था। इससे प्रदेश भर की महतारी वंदन योजना के लाभार्थियों के खाते में नौंवी किस्त की राशि अंतरित हुई, जिसमें कोण्डागांव जिले के एक लाख 39 हजार 177 महिलाओं को दीपावली पर्व के पहले न केवल आर्थिक सहयोग मिला, बल्कि यह भी एहसास हुआ कि सरकार उनके संघर्षों को समझ रही है और उन्हें सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

 

 

 

*लीला बाई यादव को बेहतर जीवनयापन में मिली मदद*

ग्राम बफना की रहने वाली लीला बाई यादव पेशे से मितानिन हैं और उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हर महीने महतारी वंदन योजना के तहत आर्थिक सहायता मिलती है। लीला बती कहती हैं, ‘इस योजना से मुझे बहुत खुशी है क्योंकि सरकार हमें घर चलाने के लिए आर्थिक मदद कर रही है, जिससे हम छोटे-मोटे खर्चे आसानी से पूरा कर पाते हैं।‘ लीला बाई के परिवार में तीन बच्चे हैं, दो बेटियां और एक बेटा। उनका बड़ा बेटा एक शो रूम में काम करता है, जिससे परिवार को आर्थिक मदद मिलती है, जबकि दूसरी बेटी अपने पिता के साथ मिलकर एक छोटा होटल चलाती है। वहीं, उनकी सबसे छोटी बेटी कंप्यूटर कोर्स कर रही है। घर में डेढ़ एकड़ खेत है, जहां परिवार खेती करता है। महतारी वंदन योजना की मदद से लीला बाई अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन यापन करने में सक्षम हो पाई हैं।

पढ़ें   केंद्र सरकार को कोसने छत्तीसगढ़ आ रहे टिकैत जी, देखिये..यहाँ 10 साल बाद भी नहीं मिली मुआवजा राशि, तो नाराज किसान पुल पर बैठकर कर हैं चक्काजाम

*घर के खर्चों में शैलेंद्री पोयाम को मिल रही राहत*

ग्राम कलेकसा पारा, बफना की शैलेंद्री पोयाम गृहिणी हैं और उनका परिवार मुख्य रूप से खेती-बाड़ी पर निर्भर है। उनके परिवार में सात लोग हैं और उनके पति खेती करके परिवार का खर्च चलाते हैं। शैलेंद्री का परिवार छह एकड़ जमीन पर खेती करता है। महतारी वंदन योजना के तहत मिलने वाली सहायता से शैलेंद्री को अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने में मदद मिलती है। इस योजना से उन्हें घर चलाने के लिए आर्थिक राहत मिली है, जिससे उनका परिवार सुखी और संतुलित जीवन बिता रहा है।

*हितेंद्री देवांगन को बच्चों की पढ़ाई में मिल रही मदद*

बफना, कलेकसा पारा की रहने वाली हितेंद्री देवांगन एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं और उन्हें महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने एक हजार रुपये मिलते हैं। हितेंद्री कहती हैं, ‘इस बार दीपावली से पहले हमें राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के हाथों यह राशि मिली, जो हमारे लिए गर्व की बात है। इससे हम दीपावली में बच्चों के लिए पटाखे और मिठाई जैसी जरूरतें पूरी कर पाएंगे। हितेंद्री संयुक्त परिवार में रहती हैं, जिसमें 17 लोग हैं। उनका पूरा परिवार किसान है और खेती-बाड़ी से ही घर चलता है और उनकी डेढ़ एकड़ जमीन से सिर्फ खाने लायक ही उत्पादन हो पाता है। हितेंद्री बताती हैं कि महतारी वंदन योजना से मिलने वाली सहायता राशि से उन्हें और उनकी देवरानी एक-दूसरे की जरूरतों के समय मदद करती हैं, जिससे देवरानी जेठानी के बीच में मन मोटाव जैसे परिस्थिति नहीं रहती।

हितेंद्री के दो बेटियां हैं और दोनों बेटियों के लिए वह सुकन्या योजना के तहत पैसे जमा करती हैं, और जब कभी पैसों की कमी होती है, तब महतारी वंदन योजना की राशि उनके लिए सहारा बनती है। वह कहती हैं, ‘इस योजना के कारण मुझे कभी किसी से पैसे उधार मांगने की जरूरत नहीं पड़ी।’ उनका परिवार गर्मी के मौसम में मक्का की खेती करता है, जिससे थोड़ी बहुत आर्थिक सहायता मिल जाती है। हितेंद्री ने बताया कि इस योजना ने उनके परिवार के जीवन को काफी आसान बना दिया है। पहले जहां उन्हें अपनी बेटियों की पढ़ाई और घर की अन्य जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ता था, वहीं अब महतारी वंदन योजना से मिलने वाली सहायता राशि से वह छोटी जरूरतों को पूरी कर पा रही हैं।

पढ़ें   जय शाह आईसीसी चेयरमैन बनने की दौड़ में सबसे आगे : ICC के नए अध्यक्ष बनते ही हासिल करेंगे बड़ा मुकाम, ग्रेग बार्कले तीसरे कार्यकाल के लिए नहीं तैयार

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महतारी वन्दन योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के महिलाओं को आर्थिक संबल प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने और उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए 1000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। लीला बाई, शैलेंद्री और हितेंद्री जैसी महिलाएं इस योजना की वास्तविक लाभार्थी हैं और उनकी कहानियाँ बताती हैं कि यह योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता और पारिवारिक सामंजस्य का भी प्रतीक है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *