अबूझमाड़ के सुदूर क्षेत्रों में बस्तर ओलंपिक का उत्साह : पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने और स्थानीय खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने की ऐतिहासिक पहल

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 13 नवंबर 2024

बस्तर संभाग के सभी जिलों में इन दिनों बस्तर ओलिंपिक का आयोजन हो रहा है। अबूझमाड़ जैसे बेहद पिछड़े इलाके में भी बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बस्तर ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं। बस्तर ओलंपिक के शुभंकर मस्कट वनभैंसा और पहाड़ी मैना सबको आकर्षित कर रहे हैं।

 

 

 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर बस्तर संभाग में बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य के जनजातीय बहुल क्षेत्रों के खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को निखारना और उन्हें रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ना है। मुख्यमंत्री साय ने बस्तर अंचल के लोगों से इन खेल प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है और बस्तर अंचल में नई खेल अधोसंरचनाएं विकसित की जा रही हैं।

बस्तर ओलंपिक के आयोजन के तहत प्रथम चरण में 6 नवंबर से 16 नवंबर तक विकासखण्ड स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। दूसरे चरण में 19 नवंबर से 26 नवंबर तक जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। इसके बाद अंतिम चरण में संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। बस्तर ओलंपिक में खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल, ऊंची कूद, तवाफेक, फुटबॉल, गोलाफेक, तीरंदाजी, बैडमिंटन जैसे खेलों का आयोजन किया जा रहा है।

**बचपन की यादें हो रही ताजा**

बस्तर ओलंपिक में ऐसे खेल शामिल किए गए हैं जिन्हें ग्रामीणजन हमेशा से गांवों में खेलते आए हैं। ग्रामीण परिवेश से जुड़े खेल होने के कारण लोग बिना किसी हिचक के इन खेलों में उत्साह के साथ शामिल हो रहे हैं। इन आयोजनों में स्कूली बच्चों, ग्रामीण महिलाओं और बुजुर्गों को भी आनंद मिल रहा है। विशेषकर बुजुर्गों को अपने स्कूली जीवन और बचपन की याद ताजा हो रही है।

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**बस्तर ओलंपिक सराहनीय पहल**

नारायणपुर के बोरावण्ड गांव के खिलाड़ी जयसिंह, रजनु यादव और उनके साथियों ने बस्तर ओलंपिक में अपने खेल को निखारने के इस अवसर के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया और कहा कि अबूझमाड़ के सुदूर पहुंचविहीन गांव के प्रतिभावान युवाओं की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए यह एक सराहनीय पहल है। उन्होंने बताया कि कबड्डी पुरुष वर्ग में उनकी टीम ने विकासखंड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिसके लिए उन्हें ट्रॉफी, मेडल और टीम को ड्रेस प्रदान किया गया। अब वे जिला स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार हैं।

**अबूझमाड़ अंचल में आ रहा बदलाव**

बस्तर ओलंपिक में शामिल हो रहे खिलाड़ियों ने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा और आधारभूत सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है। इस क्षेत्र में माओवादी घटनाओं में कमी आई है और लोगों का जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। अबूझमाड़ के संवेदनशील इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल और उप-स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाएं बढ़ रही हैं। ईरकभट्टी, मसपुर और गारपा जैसे दूरस्थ गांवों तक अब पक्की सड़कें बन चुकी हैं, जिससे इन गांवों के निवासियों को शहरों और बाजारों से जोड़ने में आसानी हो रही है। नारायणपुर से गारपा और मसपुर तक बस सेवाओं की शुरुआत भी इस क्षेत्र के विकास में एक अहम कदम है, जिससे लोगों को यातायात में सहूलियत मिल रही है।

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