मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से आशा को मिला नया जीवन : सिकलसेल से जूझ रही आशा को बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए मिली 20 लाख की आर्थिक सहायता

Bureaucracy Exclusive Latest बड़ी ख़बर सरगुजा सम्भाग स्वास्थ्य विशेष

प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 27 नवम्बर 2024/ जब जीवन में हर तरफ अंधेरा दिखाई देने लगे तब उम्मीद की एक छोटी सी रोशनी भी पूरे जीवन को प्रकाशवान कर देती है। ऐसी ही कहानी है कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत रेमते में रहने वाली 15 साल की आशा चक्रेश की। सिकलसेल से पीड़ित आशा के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए पर कहीं भी उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही थी। यहां पर आशा के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना एक नई उम्मीद बनकर आई।

आशा को जन्म से ही सिकलीन की बीमारी है। यह जानकारी मजदूर माता-पिता के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। चिकित्सकों ने बताया था कि आशा को सिकलसेल की बीमारी का वह प्रकार है जो 10 लाख लोगों में एक व्यक्ति को होने वाली बीमारी है। इस संबंध में आशा की माता बिमला बाई चक्रेश ने बताया कि आशा के पिता स्व. मंगलराम चक्रेश उसके स्वास्थ्य और इलाज के लिए हमेशा चिंतित रहते थे। आशा के इलाज के लिए दंपत्ति ने अपनी छोटी सी बचत और आयुष्मान भारत योजना की सहायता से कई अस्पतालों का चक्कर लगाया। रायपुर से लेकर इंदौर, मुंबई सभी जगह आशा की जांच कराने के बाद भी निराशा ही हाथ लगी।

बचपन से हर महीने आशा को खून चढ़ाने अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ता था और इसका खर्च भी वहन करना पड़ता था। ऐसे में एक दिन एक दुखद दुर्घटना में पिता मंगलराम का भी निधन हो गया। इस हालात में आशा का आगे का इलाज असंभव लगने लगा था। एक दिन जिला प्रशासन द्वारा मेडिकल कैंप आयोजित किया गया था, जहां जांच उपरांत चिकित्सकों ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी। हमारे लिए इसका खर्च उठा पाना संभव नहीं था, तब जिला प्रशासन से जांच हेतु 01 लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई, जिससे रायपुर जाकर जांच संभव हो सका। परंतु महंगे इलाज की समस्या अभी भी बनी हुई थी।

 

 

 

पढ़ें   सड़क हादसा..दो पिकअप में आमने-सामने की भिड़ंत,टक्कर के बाद एक पिकअप पलटा जिसमें सवार थे कुल 37 लोग.. पढ़िए कैसी है उनकी हालत

चिकित्सकों ने उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की जानकारी दी। जहां से स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवेदन को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यालय भेजा गया। त्वरित कार्यवाही करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकृति प्रदान करते हुए इलाज के लिए 20 लाख रुपये प्रदान किए। जिसके बाद रायपुर के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए दाता की पहचान की गई। दाता का सैंपल मैच होने पर आशा का बोन मैरो ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद आशा को नया जीवन प्राप्त हुआ। इस नए जीवन के लिए आशा और उनकी माता ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया और कहा कि यदि मुख्यमंत्री से सहायता ना मिलती तो शायद आशा का जीवन बचा पाना उनके लिए संभव नहीं होता।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *