प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 21 दिसंबर 2024
छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार होगा जब नगरीय निकायों के कार्यकाल खत्म होने के बाद चुनाव हो । छत्तीसगढ़ में सरकार इस बार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को एक साथ कराने जा रही है, ऐसे में दोनों चुनावों को एक साथ कराने से चुनाव मई में होने की संभावना बन रही है । दरअसल, नगरीय निकायों के वार्डों का परिसीमन तो हो चुका है, लेकिन अभी भी नगरीय निकायों के महापौर और नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों का आरक्षण जारी नहीं हो पाया है साथ ही पंचायतों में भी आरक्षण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है । ऐसे में अगर आरक्षण की प्रक्रिया शुरू भी होती है, तो पूरी प्रक्रिया में तकरीबन 15 – 20 दिन का वक्त लग सकता है । ऐसे में चुनाव फरवरी में होने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन 1 मार्च से 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा शुरू होने के कारण फरवरी अंत तक चुनाव संभव नहीं हो पाने की स्थिति भी बन रही है, क्योंकि शिक्षा विभाग 15 फरवरी से परीक्षा की तैयारी में लग जाएगा । ऐसे में चुनाव को मार्च तक टाला जा सकता है । दरअसल, चुनावों में सबसे बड़ा अमला शिक्षा विभाग का ही तैनात रहता है, ऐसे में चुनाव में विलंब के भरपूर असर हैं ।
दोनों मंत्रियों ने लाया विधेयक
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने निगम चुनावों को 6 महीने के अंदर करवाने के लिए विधेयक पास करवा लिया है। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी पंचायतों के चुनाव 6 महीने के अंदर करवाने के लिए अध्यादेश ले आए हैं।
विधानसभा में नगन पालिका तथा नगर निगम संशोधन विधेयक के साथ पंचायत चुनाव सम्बन्धी विधेयक ध्वनिमत से पारित किया गया।
पंचायत-महापौर आरक्षण नहीं हुआ
10 जनवरी तक सभी निगमों के महापौर का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इस बार सरकार महापौर का सीधे चुनाव कराने जा रही है। ऐसे में अभी तक इनके आरक्षण की घोषणा हो जानी थी। जब तक यह नहीं होगा, आचार संहिता भी नहीं लग सकती। वहीं दूसरी तरफ पंचायतों के आरक्षण को भी आगे बढ़ा दिया गया है।