नई दिल्ली, 28 दिसंबर 2024।भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का शनिवार को निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई दिग्गज नेता शामिल हुए। सभी ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके अतुलनीय योगदान को याद किया।
डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उम्र संबंधी बीमारियों के चलते उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को जनता के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास, 3 मोतीलाल नेहरू रोड, नई दिल्ली पर रखा गया।
डॉ. सिंह भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के एक अद्वितीय व्यक्तित्व थे। उनके प्रयासों ने भारत को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया और वैश्विक पटल पर देश को नई पहचान दिलाई। 1990 के दशक में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत के आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी। उनकी दूरदृष्टि और साहसिक निर्णयों ने देश को भुगतान संकट से उबारा और विदेशी निवेश के लिए द्वार खोले।
आर्थिक उदारीकरण के शिल्पकार
डॉ. सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिनमें विनियमन की समाप्ति, निजीकरण और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की नीतियां शामिल थीं। इन सुधारों ने भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल कर दिया। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक समृद्धि के एक नए युग में प्रवेश किया।
राजनीतिक सफर
डॉ. मनमोहन सिंह का राजनीति में आगमन 1991 में हुआ, जब पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया। उस समय देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। डॉ. सिंह ने अपनी नीतियों से विदेशी निवेश को प्रोत्साहन दिया और भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ा।
1991 में वह पहली बार असम से राज्यसभा के सांसद बने। 1998 से 2004 तक वह विपक्ष के नेता रहे। 2004 में कांग्रेस पार्टी की जीत के बाद उन्होंने भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और 2009 में दोबारा प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में यूपीए-1 और यूपीए-2 ने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
डॉ. मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व उनकी सरलता, विनम्रता और कार्यकुशलता का प्रतीक था। उनके निधन से देश ने एक दूरदर्शी नेता और महान अर्थशास्त्री को खो दिया है। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।