महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई: वन मंत्री केदार कश्यप के सख्त रुख के बाद 182 लोगों को नोटिस, 60 मकान तोड़ने की तैयारी, अतिक्रमणकारियों में हड़कंप

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प्रमोद मिश्रा
अंबिकापुर/ रायपुर, 19 जनवरी 2025

वनमंत्री केदार कश्यप के कड़ी फटकार व अल्टीमेटम के बाद वन विभाग हरकत में आया। निर्देश के दूसरे दिन ही वनमंडलाधिकारी ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस थमाते हुए खाली करने के निर्देश दिए हैं। वनमंडलाधिकारी ने 182 लोगों को नोटिस दिया है। इसके लिए विभाग ने 24 घंटे का समय दिया है। वहीं नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों में हडक़ंप है।

 

 

शहर के महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। शुक्रवार को वन विभाग ने 182 लोगों को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने कहा है। विभाग ने इसके लिए 24 घंटे का समय दिया है। नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों में हडक़ंप है। महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मुद्दा पिछले कई वर्षों से चला आ रहा है। वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने महामाया पहाड़ पर अवैध अतिक्रमण किए जाने का मुद्दा उठाया था। मामले की जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने की पुष्टि हुई थी। वहीं 60 अतिक्रमणकारियों को बेदखली की नोटिस भी जारी किया गया था। लेकिन वोट बैंक की राजनीतिक के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया गया था।

मां महामाया मंदिर के ऊपर महामाया पहाड़ है। यहां स्थानीय व बाहरी लोगों द्वारा पिछले कुछ सालों से अतिक्रमण किया गया है। खैरबार, बधियाचुआं और नवागढ़ इलाके से लगे इस वन क्षेत्र में वर्षों से अवैध कब्जे की शिकायत पर वर्ष 2017 में जांच के बाद 60 कब्जाधारियों को बेदखली का नोटिस जारी किया था।

लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया गया था। वर्ष 2017 के बाद यहां अतिक्रमण और तेजी से बढ़ गया। वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने एक बार फिर अतिक्रमण (Encroachment) का मामला उठाया था। शिकायत पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच कराई थी। जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने की बात सामने आई थी।

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वहीं विभाग ने 60 लोगों को बेदखली की नोटिस भी जारी किया था। इनका अतिक्रमण हटाने वन विभाग द्वारा फोर्स की मांग की गई थी, लेकिन राजनीतिक दबाव भारी पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2023 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद भी आलोक दुबे ने मां महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण की शिकायत मुख्यमंत्री के समक्ष की थी।

15 जनवरी को प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप सरगुजा प्रवास पर थे। वन मंत्री ने वन विभाग के संभागीय बैठक ली थी। बैठक में डीएफओ से महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण खाली नहीं कराए जाने की बात पूछी। इस पर मंत्री ने डीएफओ को कड़ी फटकार भी लगाई थी। मंत्री ने हर हाल में 60 घरों को तोडऩे के निर्देश डीएफओ को दिए थे। उन्होंने इसके लिए डीएफओ को अप्रैल तक का समय दिया है।

नोटिस से अतिक्रमणकारियों में हडक़ंप

वन मंत्री के कड़ी फटकार व अल्टीमेटम के बाद वन विभाग हरकत में आया। निर्देश के दूसरे दिन ही वनमंडलाधिकारी ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस थमाते हुए खाली करने के निर्देश दिए हैं। वनमंडलाधिकारी ने 182 लोगों को नोटिस दिया है। इसके लिए विभाग ने 24 घंटे का समय दिया है। वहीं नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों में हडक़ंप है।

पहले चरण में तोड़े जाएंगे 60 मकान

60 ऐसे अतिक्रमणकारी हैं जिन्हें बेदखली का नोटिस वर्ष 2022 में दिया गया था। ये सभी अपने बचाव में हाईकोर्ट तक भी गए थे। लेकिन हाईकोर्ट से भी इन्हें राहत नहीं मिली थी। वहीं पहले चरण में इन 60 घरों को तोड़ा जाएगा। सूत्रों के अनुसार 3 दिन के अंदर विभाग द्वारा इनका अतिक्रमण खाली करा दिया जाएगा।

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महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण को लेकर भाजपा नेता आलोक दुबे की शिकायत पर तत्कालीन डीएफओ सरगुजा वनमंडल ने महामाया पहाड़ का सर्वे कराया था। सर्वे में कक्ष क्रमांक 2581 और 2582 में कुल 468 लोगों का अवैध कब्जा पाया गया था। उन्हें भी नोटिस जारी किया गया था।
भाजपा नेता आलोक दुबे का कहना है कि महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मामला मेरे द्वारा उठाया गया था। जांच में 468 लोगों द्वारा अवैध कब्जा किए जाने की पुष्टि हुई थी। वहीं 60 लोगों को बेदखली का नोटिस भी दिया गया था। वर्ष 2022 में वन विभाग अतिक्रमण हटाने कलेक्टर को पत्र लिखकर फोर्स की मांग की थी। पर उस समय कांग्रेस की सरकार होने के कारण अतिक्रमण नहीं हट पाया था।

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