प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 14 फ़रवरी 2025
रायपुर में आयकर विभाग की टीम ने 108 एंबुलेंस सेवा देने वाली जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 करोड़ की कर चोरी का खुलासा किया है। जांच के दौरान कंपनी के संचालकों ने वेतन भत्तों में गड़बड़ी और कर चोरी की बात स्वीकार कर ली है और सरेंडर भी कर दिया है।
फर्जी बिलिंग से की जा रही थी कर चोरी
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कंपनी ने अपनी स्थापना लागत और खर्चों को अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया था। कर की देनदारी से बचने के लिए फर्जी बिलिंग की जा रही थी। आयकर रिटर्न (आईटीआर) और अन्य रिकॉर्ड में बड़े पैमाने पर खर्च दिखाकर लाभ (प्रॉफिट) कम दर्शाया जा रहा था।
इसके अलावा, कंपनी अपने स्थायी कर्मचारियों की संख्या कम दिखाकर आयकर की धारा 80 TTAA के तहत लगातार कर चोरी कर रही थी।
दो निदेशक गिरफ्तार, एक फरार
इस कार्रवाई का नेतृत्व मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआईटी) प्रदीप हेड़ाऊ ने किया। संयुक्त आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयुक्त राहुल मिश्रा समेत 20 कर अधिकारियों की टीम ने छापेमारी पूरी की।
छापे के दौरान कंपनी के कार्यालय और संचालकों के घरों पर कार्रवाई की गई। इस दौरान कंपनी के तीन निदेशकों में से दो – धर्मेंद्र सिंह और जोगेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि तीसरा निदेशक अमरेंद्र सिंह फरार हो गया।
शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
आयकर विभाग को मिली शिकायत और आंकलन के बाद यह छापेमारी की गई थी। जांच में पता चला कि संस्थान किराए के भवन में संचालित होने के बावजूद असामान्य रूप से अधिक खर्च दिखा रहा था।
टीम ने अकाउंट्स डिपार्टमेंट के तीन डेस्कटॉप और चार लैपटॉप की एंट्रीज की गहन जांच की, जिससे संदिग्ध लेनदेन और फर्जी बिलिंग का खुलासा हुआ।
आयकर विभाग अब पूरे मामले की गहराई से जांच कर रहा है और फरार निदेशक की तलाश जारी है।