मीडिया 24 डेस्क
बिलासपुर, 28 फ़रवरी 2025
छत्तीसगढ़ में मेडिकल पीजी प्रवेश प्रक्रिया को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है और नए सिरे से काउंसलिंग कराने के आदेश दिए हैं। यह फैसला सेवारत श्रेणी में अपात्र उम्मीदवारों को शामिल करने के मामले में आया है। इस संबंध में डॉ. यशवंत राव और डॉ. पी. राजशेखर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में क्या कहा गया?
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि सेवारत श्रेणी के तहत पात्रता के लिए उम्मीदवार को कम से कम तीन वर्षों की सेवा पूरी करनी अनिवार्य है। हालांकि, काउंसलिंग प्रक्रिया में कई अपात्र उम्मीदवारों को सेवारत श्रेणी में शामिल कर लिया गया था। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
राज्य सरकार की स्वीकृति
सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट में स्वीकार किया कि शिकायत प्रथम दृष्टया सही प्रतीत हो रही है। इस पर कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि पूरे मामले में शपथपत्र प्रस्तुत किया जाए और याचिकाकर्ताओं को उसकी प्रति सौंपी जाए, ताकि वे उचित प्रत्युत्तर दाखिल कर सकें।
नियमों का उल्लंघन
याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने पाया कि एक निजी उम्मीदवार को कट-ऑफ तारीख के बाद सीट आवंटित की गई, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।
कोर्ट का आदेश
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्ट्रे राउंड काउंसलिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश सिर्फ व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि समान स्थिति वाले सभी उम्मीदवारों पर लागू होगा।
अब, कोर्ट के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ में मेडिकल पीजी प्रवेश के लिए दोबारा काउंसलिंग कराई जाएगी।