प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 25 मार्च 2025
छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के तहत बड़े पैमाने पर पूर्व सरकार में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने जल जीवन मिशन के डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के नाम पर एक निजी एजेंसी द्वारा कई सौ करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले में पीएचई मंत्री अरुण साव और राज्यपाल रामेन डेका को पत्र लिखकर जांच और कार्रवाई की मांग की है।
क्या है आरोप?
पूर्व गृहमंत्री कंवर ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में करोड़ों की गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि जिलों में कलेक्टर, विभागीय अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से इस योजना को विफल कर दिया गया और इसमें व्यापक भ्रष्टाचार किया गया।
उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन शुरू होने से पहले ही अफसरों ने विंध्या टेलिलिंक्स लिमिटेड नामक निजी कंपनी को EPC, DPR और अन्य कार्यों की जिम्मेदारी सौंप दी।
कंपनी ने स्थल निरीक्षण किए बिना ही फर्जी डीपीआर तैयार कर दी, जिससे पूरे प्रदेश में जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
गुणवत्ता विहीन कार्य कराए गए और अब ठेकेदार बकाया राशि के भुगतान की स्वीकृति ले रहे हैं, जबकि जमीनी स्तर पर काम लगभग शून्य है।
CBI जांच की मांग
पूर्व गृहमंत्री कंवर ने योजना के संचालन में अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए इस घोटाले की CBI या किसी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि प्रधानमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ आम जनता तक पहुंच सके। आपको बताते चलें कि जब से योजना की शुरुआत हुई है, तब से भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं । कांग्रेस सरकार में PHE मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था ।