प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 16 अप्रैल 2025
राजधानी रायपुर के वीआईपी रोड पर 6 फरवरी की रात हुए सड़क हादसे में एक युवक की मौत के मामले में गिरफ्तार की गई विदेशी युवती को कोर्ट से जमानत मिल गई है। युवती को अब सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है, हालांकि वह भारत से बाहर नहीं जा सकेगी क्योंकि उसका पासपोर्ट पुलिस की हिरासत में है।
कोर्ट में पेश हुए तकनीकी और कानूनी तर्क
युवती के वकील अनुराग गुप्ता ने बताया कि पुलिस जांच में कई खामियां थीं, जिन्हें कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। वकील ने कहा, “पुलिस के पास ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि गाड़ी युवती चला रही थी। वह महज को-पैसेंजर थी और उसे ड्राइविंग भी नहीं आती।” गुप्ता ने कहा कि विदेश मंत्रालय के माध्यम से इस बात की पुष्टि होनी चाहिए थी।
अंतरराष्ट्रीय संधियों की अनदेखी
गुप्ता ने बताया कि युवती की गिरफ्तारी के दौरान वियना कन्वेंशन के नियमों का पालन नहीं किया गया। यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसके तहत किसी भी विदेशी नागरिक की गिरफ्तारी की सूचना संबंधित देश के दूतावास को तुरंत दी जानी चाहिए। लेकिन तेलीबांधा पुलिस ने इसमें देरी की।
भाषा का मुद्दा भी उठा
गिरफ्तारी के समय सारी कार्रवाई हिंदी में की गई, जो युवती की समझ से परे थी। अरेस्ट मेमो और अन्य दस्तावेज इंग्लिश में नहीं थे, जिससे वह अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से नहीं समझ सकी। यह मामला भी कोर्ट में उठाया गया।
“वह टूरिस्ट है, टेररिस्ट नहीं”
वकील ने आरोप लगाया कि मीडिया और जनदबाव में आकर पुलिस ने युवती पर गंभीर धाराएं लगाईं, जबकि यह मामला मोटर व्हीकल एक्ट से जुड़ा होना चाहिए था। उन्होंने कहा, “वह भारत टूरिस्ट बनकर आई थी, न कि किसी अपराधी मंशा से।” गुप्ता ने यह भी कहा कि अब इस पूरी प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
क्या है मामला?
6 फरवरी की रात करीब 12:30 बजे रायपुर के वीआईपी रोड पर बिलासपुर पासिंग एक कार ने स्कूटी सवार तीन युवकों को टक्कर मार दी। हादसे में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दो घायल हुए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार में एक विदेशी युवती और एक युवक सवार थे। मौके पर पहुंची पुलिस के साथ युवती का काफी देर तक विवाद भी हुआ। पुलिस ने युवती और उसके साथी को थाने ले जाकर गैर इरादतन हत्या की धाराओं में गिरफ्तार किया था।