17 Jun 2025, Tue 7:45:15 AM
Breaking

रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष को लेकर कांग्रेस में घमासान: एक तरफ PCC ने आकाश तिवारी को दी कमान, दूसरी तरफ संदीप साहू पदभार ग्रहण की तैयारी में, निगम में दो-दो दावेदारों से मचा सियासी बवाल

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 30 अप्रैल 2025

रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के भीतर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 16 अप्रैल को आकाश तिवारी को रायपुर नगर निगम का नेता प्रतिपक्ष घोषित किया, लेकिन स्थानीय स्तर पर अब भी संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष माना जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस संगठन और पार्षदों के बीच स्पष्ट टकराव की स्थिति बन गई है।

कांग्रेस का पक्ष: आकाश तिवारी को ही मान्यता दी जाए

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि नेता प्रतिपक्ष चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से सभी नगर निगमों की सूची विधिवत जारी कर संबंधित नगर निगमों को भेज दी गई है। रायपुर नगर निगम के लिए भी प्रभारी मंत्री मलकीत सिंह गैदू द्वारा जानकारी दी गई है और नगर निगम को आकाश तिवारी को ही नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस महामंत्री की ओर से निगम को पत्र भेजा गया है, और यह महज एक मिस-अंडरस्टैंडिंग का मामला है, जिसे संगठन गंभीरता से देख रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि निगम को पार्टी की नियुक्ति का सम्मान करते हुए आकाश तिवारी को जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए।

संदीप साहू का दावा बरकरार, बोले- गुरुवार को पदभार ग्रहण करूंगा

इस विवाद के बीच संदीप साहू भी अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि उन्हें बजट सत्र से पहले शहर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा नेता प्रतिपक्ष घोषित किया गया था और यह नियुक्ति पीसीसी पर्यवेक्षक प्रतिमा चंद्राकर की मौजूदगी में सभी पार्षदों और विधायकों से चर्चा के बाद हुई थी। उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा उन्हें कमरा अलॉट कर दिया गया है और लेटर पैड भी जारी हो चुका है। वे गुरुवार को विधिवत पदभार ग्रहण करने जा रहे हैं।

पढ़ें   कृषि मंत्री के निर्देश पर अमल शुरू: आदिवासी अंचल में शत-प्रतिशत किसानों का केसीसी बनाने विशेष अभियान

बगावत कर जीते थे आकाश, अब नेता प्रतिपक्ष बनने से उठे सवाल

आकाश तिवारी को टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने बगावत कर निर्दलीय पार्षद चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था, लेकिन अब वापस लेकर नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने से कांग्रेस के भीतर ही असंतोष और विरोध की स्थिति बन गई है। साहू समाज से भी विरोध की आवाज़ें कांग्रेस कार्यालय तक पहुंच चुकी हैं।

पार्टी की भीतरू कलह आई सामने

इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस की आंतरिक राजनीति और समन्वय की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर जहां प्रदेश नेतृत्व द्वारा घोषित नाम को अमल में लाने की मांग हो रही है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय संगठन पहले से नियुक्त नेता के समर्थन में खड़ा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि रायपुर नगर निगम इस विवाद का क्या समाधान निकालता है।

Share

 

 

 

 

 

By Desk

You Missed