प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 30 अप्रैल 2025
छत्तीसगढ़ में अब स्कूलों और शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्रालय ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस संदर्भ में प्रदेश के सभी कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजे गए हैं। विभाग ने एक संशोधित समय-सारणी भी जारी की है, जिसके आधार पर युक्तिकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
शिक्षकों की संख्या बच्चों की संख्या के अनुपात में हो
जारी आदेश के अनुसार, विभाग ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत, शालाओं में शिक्षकों की संख्या बच्चों की संख्या के अनुपात में हो। वर्तमान में, प्रदेश में कई शालाओं में सैकड़ों शिक्षक अतिरिक्त रूप से नियुक्त हैं, जबकि कई शालाएं पूरी तरह से शिक्षक विहीन हैं या केवल एक शिक्षक पर निर्भर हैं। इस असमानता को सुधारने के उद्देश्य से, शालाओं और शिक्षकों का युक्तिकरण छात्र हितों को ध्यान में रखकर उचित बताया गया है।
समुचित युक्तिकरण किया जाएगा
आदेश के अनुसार, उन स्थानों पर, जहां एक ही परिसर में या आस-पास के क्षेत्र में दो या अधिक शालाएं संचालित हो रही हैं, उनका समुचित युक्तिकरण किया जाएगा। साथ ही, अतिरिक्त शिक्षकों को शिक्षक विहीन या एकल शिक्षक प्रणाली वाली शालाओं में समायोजित किया जाएगा। यह प्रक्रिया मंत्रिपरिषद् के 09 जुलाई 2024 को लिए गए निर्णय के संदर्भ में लागू की जाएगी। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे संशोधित समय-सारणी का पालन करते हुए इस प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करें।
युक्तिकरण पर क्या बोले डिप्टी CM अरुण साव
शिक्षकों और स्कूलों के युक्तिकरण पर डिप्टी CM अरुण साव ने कहा है कि कांग्रेस के शासन काल में शिक्षा की व्यवस्था काफी बदहाल थी, ऐसे में युक्तिकरण से सही अनुपात में शिक्षकों की नियुक्तियां स्कूलों में होगी, जिससे शिक्षा का स्तर सुधरेगा ।
युक्तिकरण का शिक्षक संघ कर रहा विरोध
इस आदेश को लेकर संयुक्त शिक्षक संघ ने तीव्र आपत्ति जताई है और इसे शिक्षकों के हित के खिलाफ बताया है ।
संघ के प्रताध्यक्ष केदार जैन एवं प्रांतीय पदाधिकारियों – ममता खालसा, ओमप्रकाश बघेल, अर्जुन रत्नाकर, सहित अन्य सदस्यों ने सरकार से स्पष्ट मांग की है कि विभाग में प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक और शिक्षक पदों पर लंबित पदोन्नतियों की प्रक्रिया पहले पूरी की जाए। उसके बाद ही युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई शुरू की जाए, ताकि शिक्षकों के हितों को नुकसान न पहुंचे।
संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया स्वीकृत सेटअप और शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के अनुसार ही की जानी चाहिए। यदि प्रक्रिया निर्धारित मानकों के विपरीत हुई, तो इससे हजारों शिक्षक ‘अतिशेष’ की श्रेणी में आ जाएंगे और शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
तबादला नीति पर आज की बैठक में चर्चा संभव
छत्तीसगढ़ में तबादले पर पाबंदी पिछले तीन साल से लगी है । ऐसे में माना जा रहा है कि तबादला नीति पर सरकार जल्द फैसला ले सकती है और जल्द ही तबादले को लेकर सरकारी आदेश जारी कर सकती है । माना जा रहा है कि आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में तबादला नीति पर चर्चा हो सकती है । सूत्र बताते हैं कि सरकार की मंशा है कि इस वर्ष तबादले में लगी पाबंदी को निश्चित समय के लिए हटा दिया जाए, ऐसे में तबादला का सपना देख रहे सरकारी कर्मचारियों को राहत मिल सकती है ।