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रायपुर संभाग में भारतमाला मुआवजा घोटाले की खुलने लगी परतें: किसे कितना मिला, अब होगा खुलासा – 15 दिन में आम लोग कर सकेंगे दावा-आपत्ति

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 30 अप्रैल 2025

रायपुर संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने आज संभाग के सभी कलेक्टरों के साथ भारतमाला परियोजना समेत अन्य मुआवजा मामलों को लेकर अहम बैठक की। रायपुर संभाग कलेक्टर कांफ्रेंस में फैसला लिया गया कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मिले मुआवजे का विवरण सार्वजनिक किया जाएगा। यह जानकारी कल से जिला प्रशासन की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि किस हितग्राही को कितना मुआवजा मिला।

प्रकाशन के बाद लोगों को दावे और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। संभाग आयुक्त ने बताया कि भारतमाला के अलावा जितने भी प्रोजेक्ट्स के तहत मुआवजा दिया गया है, उनका भी विवरण वेबसाइट पर डाला जाएगा। रायपुर और धमतरी जिले में वर्ष 2019 से अब तक दिए गए मुआवजे की जानकारी संकलित करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।

क्या है भारतमाला मुआवजा मामला?

भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक करीब 950 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है। इस फोरलेन और सिक्सलेन सड़क निर्माण के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई, लेकिन कई किसानों को अब तक उचित मुआवजा नहीं मिल सका। विधानसभा बजट सत्र 2025 में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने यह मुद्दा जोरशोर से उठाया था, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए।

कितना मुआवजा मिलना चाहिए?

भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत, यदि किसी किसान की 5 लाख रुपये मूल्य की जमीन अधिग्रहित की जाती है, तो उसे उतनी ही राशि सोलेशियम (क्षतिपूर्ति) के रूप में दी जाती है। यानी कुल मुआवजा 10 लाख रुपये होना चाहिए। वहीं, विशेष परिस्थितियों में यह राशि दोगुनी भी हो सकती है।

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