प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 13 मई 2025
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की घोषणाएं अब सिर्फ़ मंचों तक सीमित नहीं, ज़मीन पर तेज़ी से अमल में लाई जा रही हैं। इसी की एक मिसाल सामने आई है बल्दाकछार गांव से, जहां सुशासन तिहार के दौरान मुख्यमंत्री के अचानक प्रवास ने एक आदिवासी युवा की ज़िंदगी ही बदल दी।
बल्दाकछार के विशेष पिछड़ी जनजाति (कमार) से ताल्लुक रखने वाले टिकेश्वर प्रसाद को मुख्यमंत्री की तत्परता से नौकरी मिल गई है। मुख्यमंत्री साय 9 मई को अचानक हेलीकॉप्टर से जब बल्दाकछार पहुंचे, तो ग्रामवासियों के लिए यह किसी उत्सव से कम नहीं था। ग्रामीणों से आत्मीय संवाद के दौरान टिकेश्वर ने मुख्यमंत्री से नौकरी की इच्छा जताई ताकि वह अपने परिवार का सहारा बन सके।
मुख्यमंत्री ने तत्काल इस पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर दीपक सोनी को निर्देशित किया, जिन्होंने तेज़ी से कार्यवाही करते हुए टिकेश्वर को कसडोल के पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास में चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति दे दी। मंगलवार को टिकेश्वर को नियुक्ति आदेश प्रदान किया गया।
टिकेश्वर का परिवार पारंपरिक रूप से बाँस की टोकनी, सूपा व पर्रा बनाने का काम करता है, जिससे बमुश्किल गुज़ारा होता था। 12वीं पास टिकेश्वर अपने माता-पिता के साथ इस कार्य में लगा हुआ था। अब उसे स्थायी आय का स्रोत मिलने से पूरे परिवार में खुशी की लहर है। टिकेश्वर ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा, “अब मैं अपने माता-पिता का सहारा बन गया हूं।”
वन अधिकार शिविर का आयोजन
मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुपालन में ग्राम बल्दाकछार में राजस्व एवं वन विभाग की टीम ने विशेष शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में ग्रामीणों को वन अधिकार पत्र से संबंधित जानकारी दी गई और आवेदन भी लिए गए। कुल पांच ग्रामीणों ने आवेदन प्रस्तुत किए। शिविर की सूचना ग्राम कोटवार के माध्यम से मुनादी करवाकर दी गई थी।
सुशासन तिहार की यह बयार अब न केवल विकास के नए आयाम खोल रही है, बल्कि जरूरतमंदों के जीवन में ठोस बदलाव भी ला रही है।