डेस्क
दुर्ग, 15 मई 2025
भारतमाला परियोजना को लेकर दुर्ग जिले में किसानों का विरोध तेज हो गया है। हनोदा सहित 5 गांवों के 200 से अधिक किसानों ने गुरुवार को निर्माण कार्य रुकवाकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि उनकी अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने मुआवजा वितरण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं।
करीब तीन घंटे चले इस विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 17 किसानों को गिरफ्तार कर लिया। किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी जमीन की कीमत का महज 10 प्रतिशत मुआवजा मिल रहा है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बड़ी जमीनों को हेक्टेयर और एकड़ में मुआवजा दिया गया, जबकि छोटी जमीनों का वर्गफीट के हिसाब से मूल्यांकन किया गया, जो न्यायसंगत नहीं है।
एक भू-स्वामी ने बताया कि 15 साल पहले खरीदी गई उनकी जमीन की आधी कीमत भी अब तक मुआवजे में नहीं मिल सकी है। कई किसानों ने इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है और अधिकारियों पर मुआवजा वितरण में घोर अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
गौरतलब है कि भारतमाला परियोजना के अंतर्गत दुर्ग जिले के दुर्ग और पाटन ब्लॉक के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। मुआवजा निर्धारण की जिम्मेदारी तत्कालीन दुर्ग एसडीएम मुकेश रावटे को सौंपी गई थी। इसी मामले में रावटे के निवास पर एसीबी ने छापा मारकर जांच भी की थी।
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।