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कोरबा में खनिजों की दौलत से बदलेगा सड़कों का हाल : 143 करोड़ की सौगात से गांव-शहर जुड़ेंगे नए रास्तों से, जनता को मिलेगी सीधी सुविधा

प्रमोद मिश्रा

रायपुर 20 मई 2025

खनिज समृद्ध कोरबा जिले में अब खनिजों से प्राप्त निधि जनता की सुविधाओं में सीधे तब्दील हो रही है। जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) की राशि का उपयोग अब जनहित के ठोस कार्यों में किया जा रहा है, जिससे जिले के दूरवर्ती ग्रामों से लेकर नगरीय क्षेत्रों तक में सड़कों का जाल बिछाया जाएगा। इससे न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।

हाल ही में कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में डीएमएफ मद से लगभग 143 करोड़ रुपए की लागत से 22 सड़क निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी गई। यह निर्णय सुशासन तिहार के दौरान जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों से प्राप्त मांगों के आधार पर लिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि डीएमएफ की राशि का उपयोग वास्तविक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हो।

इन स्वीकृत सड़कों में नगरीय क्षेत्रों की प्रमुख सड़कों के साथ-साथ दूरवर्ती अंचलों की महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी शामिल है, जिसमें विशेष रूप से उल्लेखनीय झगरहा-कोरकोमा-चचिया मार्ग (लंबाई 29 किमी) 29.80 करोड़ रुपये, ध्यानचंद चौक से बजरंग चौक तक दो लेन सी.सी. सड़क (2.84 किमी) 29.42 करोड़ रुपये, रामपुर से सिरली पहुंच मार्ग (8 किमी): 8.08 करोड़ रुपये, चैतुरगढ़ पर्यटन स्थल हेतु सीसी शोल्डर चौड़ीकरण (6.6 किमी) 5.33 करोड़ रुपये, घिनारा से खुंटाकुड़ा मार्ग (4.525 किमी) 5.80 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़कें शामिल हैं। इनके अतिरिक्त पनगवा-जल्के, डोगरी-मुढ़ाली, पाथा-खरभहरा, जमनीपाली-गजरा, ओढालीडीह-तिलैहापारा, सीलीभुडु-कुदरीचिंगार, और सक्ती-कोरबा जैसे मार्गों को भी डीएमएफ मद से उन्नत किया जाएगा।

डीएमएफ का मूल उद्देश्य खनन प्रभावित क्षेत्रों में जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। कोरबा जिले में इस निधि का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास में लगातार किया जा रहा है, परंतु सड़क निर्माण जैसे ठोस कार्यों से अब इसका प्रभाव आम नागरिक सीधे अनुभव कर पाएंगे।

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कलेक्टर वसंत ने कहा कि डीएमएफ से स्वीकृत सड़कों के निर्माण से न केवल गांवों और शहरों के बीच संपर्क मजबूत होगा, बल्कि रोजगार और विकास के अवसर भी बढ़ेंगे। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर गाँव तक पक्की और सुरक्षित सड़क पहुंचे।

यह निर्णय न केवल शासन की जनकल्याणकारी सोच का परिचायक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे खनिज संसाधनों से प्राप्त निधि का विवेकपूर्ण उपयोग जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में किया जा सकता है। आने वाले समय में जब ये सड़कें धरातल पर उतरेंगी, तो कोरबा जिले का भूगोल और भविष्य दोनों बदले हुए नजर आएंगे।

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