प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 22 मई 2025
छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों को लंबे समय से मिल रही शनिवार की छुट्टी पर अब ब्रेक लग गया है। छुट्टी की कमी से जूझ रहे पुलिसकर्मियों को एक और झटका देते हुए डीजीपी के निर्देश पर शनिवार की छुट्टी को अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
पत्र के मुताबिक, सभी एडीजी को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक शनिवार को अपने कार्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। इसके साथ ही संबंधित शाखा प्रभारियों और एआईजी स्तर के अधिकारियों की उपस्थिति भी सुनिश्चित करने को कहा गया है, ताकि सभी लंबित मामलों का समयबद्ध निराकरण हो सके।
फाइव डेज वर्किंग पर खतरे के बादल
पुलिस विभाग में शनिवार की छुट्टी खत्म होने की खबर जैसे ही बाहर निकली, यह आग की तरह मंत्रालय और अन्य शासकीय विभागों में फैल गई। फाइव डेज वर्किंग की व्यवस्था पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। चर्चा है कि पुलिस विभाग की तर्ज पर अन्य विभागों में भी शनिवार की छुट्टी समाप्त करने की तैयारी हो सकती है।
जनता के हित में शनिवार को खुले रहें दफ्तर?
छत्तीसगढ़ सरकार ने भले ही सप्ताह में पांच कार्यदिवस की प्रणाली लागू कर रखी है, लेकिन हकीकत यह है कि अधिकांश आईएएस, आईपीएस और विभागाध्यक्ष शनिवार को भी कार्यालय पहुंचते हैं। कई वरिष्ठ अधिकारियों का तर्क है कि शुक्रवार को यदि कोई कार्य लंबित रह जाता है, तो वह सोमवार तक के लिए टल जाता है। ऐसे में कलेक्ट्रेट, जनसम्पर्क और जनता से सीधे जुड़े कार्यालयों का शनिवार को खुला रहना आम जनता के लिए लाभकारी हो सकता है।
कर्मचारियों में असंतोष, तनाव का खतरा
पुलिस विभाग के इस फैसले को लेकर कर्मचारियों में असंतोष भी देखा जा रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पहले से ही ड्यूटी का भारी दबाव झेल रहे पुलिसकर्मियों को यदि सप्ताह में एक भी छुट्टी न मिले तो इससे मानसिक तनाव और कार्यदक्षता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
हालांकि प्रशासनिक स्तर पर इसे जरूरी कदम बताया जा रहा है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह निर्णय आने वाले दिनों में व्यापक बहस और विरोध का कारण बन सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य विभाग भी इसी राह पर चलते हैं या कर्मचारियों की बात सुनी जाती है।