फारूक मेमन
गरियाबंद 19 अप्रैल
गरियाबंद… टाईगर रिजर्व के बफर जोन कुल्हाडीघाट वन परिक्षेत्र के आमामोरा ओंड, अमलोर, हथौडाडीह, ताराझर, कुर्वापानी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हाथियों के दलों ने आंतक मचा रखा है और तो और आए दिनों पहाड़ी के ग्रामीणों के झोपडियों को तोड फोड के साथ फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं, और दो झुण्ड मे हाथियों का दल घुम रहा है आमामोरा अमलोर के जंगल में 05 से 06 हाथियों का दल जो घुम रहा था वो दल कल गुरूवार को पहाड़ी के नीचे सिकासार जलाशय के ढलान दलदलीय क्षेत्र में देखने को मिला यहां कुछ मछवारे मछली मारने गए थे जो हाथियों के दल को देखकर भागे पिछले तीन दिनों से हाथियों का दल सिकासार जलाशय के नीचले हिस्सा दलदलीय ईलाका में अपना डेरा जमाए हुए है और बकायदा जल क्रीडा भी करते हाथियों के दल को ग्रामीणों ने देखा है हाथियों के दल के सिकासार जलाशय के पास पहुंचने से इस क्षेत्र में अब दहशत देखने को मिल रही है पहाड़ी से हाथियों का एक दल सिकासार जलाशय के आसपास लगातार घुम रहा है, तो दुसरा दल जिसमें 06 से 8 हाथियों का झुण्ड है और उसमें दो शावक भी शामिल है यह दल पहाडी के उपर कुल्हाडीघाट ग्राम के आश्रित ग्राम ताराझर , कुर्वापानी के बीच बांस के जंगल में अपना डेरा डाल दिए है और लगातार गांव की तरफ प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए इन ग्रामों के ग्रामीण अब गांव में बैठक कर यह निर्णय लिया कि हाथियों से बचाव के लिए ग्रामीण रात भर अलाव और मशाल जलाकर गांव के सीमा में रात रात भर जागकर टोली बनाकर रखवाली कर रहे है ग्रामीणों ने हाथियों से गांव को बचाने व लोगों की सुरक्षा के लिए वन विभाग से कई बार गुहार लगा चुके है लेकिन वन विभाग सिर्फ मुनादी करवाकर अपना कर्तव्य का ईतीश्री कर लिया है इसके अतिरिक्त वन विभाग द्वारा हाथियों से ग्रामीणों के बचाव के लिए कोई ठोस योजना दिखाई नही दे रहा है, ग्रामीणों ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व ताराझर के एक ग्रामीण के उपर हाथी ने हमला कर दिया जिसे 20 किलोमीटर कांवर के सहारे मैनपुर अस्पताल तक पैदल लाया गया था अभी भी उनका उपचार चल रहा है ग्रामीणों ने बताया ग्रामीण जन गांव में रात रात भर मसाल जलाकर से रतजगा कर हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा कर रहे है उनके पास टार्च व बिजली की सुविधा नही है वन विभाग से, टार्च व रोशनी की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग ग्रामीणों ने किया है ।