अजय कैवर्त्य
शिवरीनारायण 20 अप्रैल
बिर्रा- कोरोना के खिलाफ जंग में अभी तक सबने मिलकर अपनी जिम्मेदारी शिद्दत से निभाई है । इस मुश्किल दौर में हमें एक और दायित्वका निर्वहन करना है । मौजूदा वक्त में संकट उन बेजुबानों के लिए भी बढ़ गया है , जो भूख – प्यास से बेहाल होकर सड़कों पर भटक रहे हैं । पहले ही चारे की कमी इन पर भारी पड़ रही थी । लॉकडाउन में अब हालात और भी विकट हो गए हैं । गोशालाओं में भी चारे की कमी बनी हुई है । सूनी पड़ी गलियों में भी इनके लिए खाने का कोई ठिकाना नहीं बचा। ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम इनका सहारा बने । माना गया है कि घर में पहली रोटी गाय के नाम की बने तो जीवन में समृद्धि आती है । तो आइए , आगे बढ़कर इन बेजुबानों का सहारा बनें ।कोरोना की महामारी से निपटने के लिये । देशभर में लगातार किये जा रहे प्रयासों के बीच युवा एकांश पटेल गौवंश की सेवा में लगे हुए हैं . एक पखवाड़े से निरंतर गौमाता के लिये ताजा चारा तथा दाना की ब्यवस्था की जा रही है , सेवा – भाव से जुड़े इस काम में उनकी रुचि देखते ही बनती है!इस बारे में खुद को बड़े भाग्यशाली मानते हैं!उनका कहना है कि देश में फैली महामारी के चलते वे पूरी तरह लॉकडाउन पर हैं और इसका पूरा लाभ ले रहे हैं , अन्यथा जीवन की भागदौड़ में वे इस सेवा कार्य से वंचित रह गए थे! जितेंद्र तिवारी जी कहते हैं गौमाता की सेवा करने से उन्हें अद्भूत सुख का अनुभव हो रहा है . गौरतलब है कि कोरोना के खतरे के बीच लोग मानवता के लिये लगातार सामने आ रहे हैं , जरूरत मंद तथा असहाय परिवारों की हर संभव मदद हो रही है और सदैव सबकी खुशहाली के लिये आशीष देने वाली गौमाता के प्रति सेवा – भाव में लगे युवाओं का उत्साह भी देखते बनता है।