नाराजगी: महाराष्ट्र में साधूओं की हत्या पर संत समाज में नाराजगी, कठोर कानूनी कार्यवाही की मांग, भविष्य में ऐसी घटना की न हो उसके लिए जरूरी कदम उठाने की मांग

छत्तीसगढ़

सतीश शर्मा, बलौदाबाजार, 22 अप्रैल

श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा से संबंधित दो महात्माओं की जघन्य हत्या करने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही करने की मांग श्री दूधाधारी मठ पीठाधीश्वर राजेश्री डॉक्टर महन्त रामसुन्दर दास महाराज ने केंद्र एवं राज्य सरकार से की है, राजेश्री महन्त महाराज ने इस जघन्य अपराध पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जूना अखाड़े के दो महात्माओं की जिस तरह से निर्मम हत्या महाराष्ट्र में हुई है वह अत्यंत ही निंदनीय है, महात्माओं का कोई दोष नहीं था वे अपने गुरु की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए जा रहे थे, उन्हें बिना किसी अपराध के बेवजह रोककर उनके साथ न केवल मारपीट की गई बल्कि उनकी हत्या कर दी गई। संपूर्ण मानव समाज को शर्मसार करने वाली हैं।

 

 

 

फोटो: राजेश्री महंत रामसुंदर दास

राजेश्री महन्त महाराज ने केंद्र एवं महाराष्ट्र सरकार से इस घटना को संज्ञान में लेकर तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है उन्होने कहा कि ऋषि एवं कृषि संस्कृति पर आधारित सनातन धर्म एवं भारतीय सभ्यता के लिए यह एक ह्रदय विदारक घटनाक्रम है कारण कि भारतीय संस्कृति में संत और भगवंत में कोई अंतर नहीं माना जाता, यहां महात्माओं को भगवान का ही स्वरूप मानने की सनातन परंपरा रही है। इस घटनाक्रम से संपूर्ण भारतवर्ष के संत महात्माओं को गहरा आघात लगा है। संत किसी जाति धर्म या संप्रदाय से बंधे हुए नहीं होते । पूरे जगत का कल्याण करना ही उनका एकमात्र लक्ष्य होता है “संत सरल चित जगत हित” अर्थात उनका उद्देश्य विश्व का कल्याण करना ही है वे ‘सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया’ के सिद्धांत पर चलते हैं, उनके साथ हत्या जैसे अपराध घटित होना संपूर्ण मानव समाज के लिए चिंता का विषय है भविष्य में देश के किसी भी कोने में इस तरह की घटना न हो इसे ध्यान में रखकर सरकार को इसमें तुरंत कार्यवाही करने की आवश्यकता है। विदित हो कि श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, बड़ा हनुमान घाट, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से संबंधित महात्मा कल्पवृक्ष गिरी 70 वर्ष एवं सुशील गिरी 35 वर्ष 16 अप्रैल 2020 की रात्रि अपने गुरु श्री महन्त रामगिरी जी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई से गुजरात जा रहे थे। उनके साथ उनका वाहन चालक नीलेश तेलगड़े भी था। उनकी भी हत्या भीड़ के द्वारा कर दी गई। लॉक डाउन के कारण संपूर्ण भारतवर्ष में धारा 144 लागू है, किसी भी स्थान पर 4 से अधिक लोगों को एक साथ उपस्थित होने की अनुमति नहीं हैं। इसके पश्चात भी रास्ते में ग्राम गढ़ चिंचले, थाना कासा, जिला पालघर (महाराष्ट्र) में पहले से ही लगभग 200 से अधिक की संख्या में उपस्थित भीड़ ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर इनकी हत्या कर दी थी।

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