कन्हैया तिवारी की रिपोर्ट
गरियाबंद28अप्रैल2020
गरियाबंद जिले में एक आदेश ऐसा भी ,की आदेश देख के सरपंच-पंच पति के पसीना निकलने के साथ साथ हाथ पैर फूलना चालू हो गए है क्यो की अब की बार सरपंच पति और पंच पति का पंचायत के कार्यो में हस्तक्षेप नहीं चलने वाला , वैसे तो गरियाबन्द जिला के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में अक्सर देखा जाता हैं की सरपंच पतियों और पंच पतियों द्वारा पंचायतों कार्यो में दखलंदाजी रहता ही है। महिला सरपंचों या पंचो के कामकाज में उनके संगे संबंधियों की दखलअंदाजी कोई नयी बात नही है, ज्यादातर महिला पंचायत प्रतिनिधियों के साथ अक्सर इस तरह की परेशानियां देखने को मिलती रही है,महिला प्रतिनिधियों से ज्यादा उनके परिजनों का पंचायत कार्यो में हस्तक्षेप बढ़ने लगा हैं,मगर इस बार ऐसे सरपंच पतियों और पंच पतियों के मनसुबे कामयाब होने वाले नही है, क्योंकि जिला पंचायत सीईओ ने एक आदेश जारी कर इनके मंनसूबों पर पानी फेर दिया है। जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह ने 25 अप्रैल को एक आदेश जारी किया है, जिसमें उऩ्होंने पंचायती राज संस्थाओं में पदस्थ निर्वाचित महिला पदाधिकारियों के कामकाज संचालन में उनके सगे संबंधियों के हस्ताक्षेप पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए है, अपने आदेश में उऩ्होंने कहा कि पंचायती कामकाज संचालन के दौरान पंचायत कार्यालय परिसर के भीतर महिला पंचायत पदाधिकारियों को उनके कोई भी सगे संबंधी/ रिस्तेदार पंचायत के किसी भी कार्य में हस्ताक्षेप अथवा दखलअंदाजी नही करेंगे, किसी विषय पर किसी भी पदाधिकारी, कर्मियों को महिला पंचायत पदाधिकारी की ओर से निर्णय लेकर सुझाव, निर्देश नही देंगे, ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित महिला पंचायत पदाधिकारी के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी, इसके लिए उऩ्होंने जिले की सभी महिला पंचायत पदाधिकारियों को पालन सुनिश्चित करने के लिए आदेशित किया है। साथ ही आदेश की कॉपी जनपद पंचायत को भी भेजा जा रहा हैं। एवं इस आदेश की उलंघन होने पर संबंधित पंच, सरपंच प्रतिनिधियों पर सख्त कार्यवाही की बात कही हैं।आपको बतादें कि पंचायती राज अधिनियम के तहत जिले की पंचायतों में महिला पदाधिकारियों की भागीदारी के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है, ताकि निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों को पंचायतों के काम-काज यथा नियोजन, क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण, नियंत्रण आदि में स्वंय निर्णय लेने में सक्षम बनाया जा सके, भारत सरकार पंचायती राज नई दिल्ली भी इसको लेकर गंभीर है और समय पर समय महिला पंचायत प्रतिनिधियों को सक्षम बनाने की दिशा में इस तरह के कदम उठाती रहती है।
जिला पंचायत सीईओ विनय लंगेह का क्या कहना : इस आदेश का मुख्य उद्देश्य हैं कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना हैं, ताकि उन्हें उनकी जिम्मेदारी के प्रति आगे आकर कार्य करने में कोई परेशानी न हो। अगर इसका अवहेलना कोई पंच-सरपंच पति द्वारा किया जाता हैं तो महिला पंचायत पदाधिकारीयों के विरुद्ध पंचायत राज अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी