भूपेश टांडिया
रायपुर 1 मई
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आज मजदूर दिवस है और देश का मजदूरआज सड़कों पर है। अपने घर अपने गांव वापस लौटने के लिए साधनों की बाट जोहने के लिये मजबूर है। गरीब मजदूर रोज कमाने रोज खाने वाला मजदूर अपने बच्चों को क्या खिलायेगा, आज राशन की व्यवस्था कैसे होगी यह सोचने के लिए मजबूर हैं। नोटबंदी में तो गरीबों को मजदूरों को कतार में खड़ा किया गया था लेकिन आज तो मजदूर सड़कों पर अपने घर लौटने के लिए कतार में चलने के लिए मजबूर है। जो मजदूर हमारे लिए दुनिया गढते हैं, उन मजदूरों की दुनिया की आज क्या हालत है ?
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मजदूरों की यह समस्याएं कैसे दूर होंगी और उन्हें कैसे राहत पहुंचाई जा सकती है यह सोचना और इसकी कार्ययोजना बनाना आज मजदूर दिवस पर हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है।
कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पहली मई, मज़दूर दिवस पर इस बार मजदूरों से माफ़ी मांगनी चाहिए और सोचना चाहिए कि जिन मज़दूरों का हमें सबसे अधिक ख़याल रखना था वो क्यों भूखे प्यासे सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा के लिए मजबूर हैं.
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि देश के हर हिस्से में श्रम करके अपनी रोज़ी रोटी कमाने वाले मज़दूर आज दो वक़्त की रोटी के लिए मोहताज हैं. मजदूरों के रहने का कोई ठिकाना नहीं है. छोटे छोटे बच्चों को कंधे पर बिठाए, अपना सामान पीठ पर लादे देश के हर कोने में मज़दूर सड़कों पर चल पड़ा है. वह घर पहुंचना चाहता है. जगह जगह से अशुभ ख़बरें आ रही हैं.
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आख़िर मज़दूरों की इस बदहाली के लिए ज़िम्मेदार कौन हैं? कौन हैं इन मेहनतकश लोगों के साथ हो रहे अत्याचार के लिए ज़िम्मेदार.
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आज ही इंफ़ोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा है कि अगर लॉक डाउन चलता रहा तो कोरोना की तुलना में भूख़ से ज़्यादा मौतें हो जाएंगीं. मजदूरों की ऐसी स्थिति निर्मित करने के लिये जिम्मेदार लोगों की आज मजदूर दिवस के दिन हम सबको पहचान करनी ही होगी.
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिन लोगों ने नोटबंदी के नाम पर देश के करोड़ों लोगों को लाइन से खड़ा कर दिया था और कहा था कि इससे कालाधन वापस आएगा, आतंकवाद मिट जाएगा लेकिन सौ से अधिक लोगों के अपनी जान गंवाने के बाद भी न कालाधन आया और न आतंकवाद मिटा.
जिन लोगों ने जिस तरह से नोटबंदी की थी, उन्ही लोगों ने उसी तरह बिना सोच विचार किए लॉक डाउन की घोषणा कर दी. न राज्य सरकारों न देश के राजनीतिक दलों को ना व्यापारी संगठनों को ना मजदूर संगठनों को और ना ही उद्योगपतियों को विश्वास में लिया गया और न ही किसे चर्चा की गई. इस दावे के साथ लॉक डाउन किया गया कि इससे कोरोना को फैलने से रोका जा सकेगा. केंद्र सरकार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सलाह पर गौर करने के लिए भी तैयार नहीं हैं कि ज्यादा जरूरत टेस्ट बढ़ाने की है, लॉक डाउन करोना का इलाज नहीं है.
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने प्रदेश के भीतर और देश के अलग अलग हिस्सों में फंसे हुए मज़दूरों को हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाई है. उनके लिए राशन पानी और अन्यज़रूरत का भी इंतज़ाम किया है. लेकिन साफ़ दिख रहा है कि इतना पर्याप्त नहीं है. क्योंकि मजदूरों को काम से निकाल दिया गया है, मजदूरों को उन घरों से निकाल दिया गया है जंहा वे रह रहे थे और मजदूर सड़कों पर आने को मजबूर हो गए हैं.
कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिन श्रमिकों का आज मजदूर दिवस के दिन सम्मान किया जाना चाहिए था उनको इतना अपमानित किया गया है कि वह अपना सब कुछ लुटा कर घर लौटने पर मजबूर है. मजदूरों के के ख़ून पसीने से देश का निर्माण होता है. अगर आज मजदूर दिवस के दिन मजदूरों की यह हालत है तो देश की उन्नति के रास्ते रुक जाएंगे.
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि दरअसल आज मजदूर दिवस के दिन लॉक डाउन जैसा फ़ैसला लेने वालों को माफ़ी मांगनी चाहिए. आज मज़दूर दिवस के दिन दिल्ली की सरकार का संदेश मजदूरों से माफी होना चाहिए।