पूरे छत्तीसगढ़ में छेरछेरा की धूम…कटगी सहित कई गाँवों में दिखी रौनक…CM ने कांकेर में मांगा छेरछेरा का दान

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प्रमोद मिश्रा, कटगी/ रायपुर। 28 जनवरी, 2021

नये अंग्रेजी वर्ष में छत्तीसगढ़ के पहले त्यौहार छेरछेरा की धूम पूरे छत्तीसगढ़ में दिखाई दे रही है। छत्तीसगढ़ के कांकेर में जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार छेरछेरा के दौरान लोगों से छेरछेरा त्यौहार पर अन्न दान मांग कर त्यौहार मनाया। वहीं दिनभर छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में छेरछेरा के दिन व्यापक उत्साह देखा गया।

कटगी में छेरछेरा माँगते युवाओं की टोली
घर-घर दिखी रौनक
काँकेर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माँगा छेरछेरा

बलौदा बाजार जिले के ग्राम कटगी सहित आसपास के कई गांवों में छेरछेरा के दौरान युवाओं में काफी उत्साह देखा गया। दिनभर युवा और बच्चे टोलियाँ बनाकर थैला लेकर के छत्तीसगढ़ के इस पहले परम्परागत त्यौहार के दिन लोगों के घरों में पहुंचे और उनसे अन्न दान मांगा। इस दौरान ‘छेरछेरा…कोठी के धान ला माई हेर हेरा’ की गूंज पूरे गांवों में सुनाई दी।

 

 

वापस दिखी गायब होती रौनक
गौरतलब है कि कोरोना के कारण पिछले लगभग 10 माह से शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी त्योहारों की रौनक जैसे गायब हो गई है, लेकिन छेरछेरा त्यौहार के दिन ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक उत्साह दिखाई दिया और गलियां गुजार दिखीं। इस दौरान युवाओं की टोलियां ने घर-घर पहुंचकर इस पारंपरिक त्यौहार का लुफ्त उठाया, साथ ही युवाओं को इस दौरान अन्न दान करने वाले लोग भी काफी उत्साहित दिखे। ऐसे में समय के बदलते परिवेश के बीच भी ग्रामीण क्षेत्रों में छेरछेरा को लेकर उत्साह दिखाई दिया, इसने यह बता दिया कि समय भले ही कितना भी बदलता रहे, लेकिन छत्तीसगढ़ के लोग परंपराओं को जीना जानते हैं, उन्हें निभाना जानते हैं।

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छत्तीसगढ़ का काफी प्रसिद्ध पारंपरिक त्योहार

लोक परंपरा के अनुसार पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छेरछेरा का त्योहार मनाया जाता है। गाँव के युवक घर-घर जाकर डंडा नृत्य करते हैं और अन्न का दान माँगते हैं। धान मिंसाई हो जाने के चलते गाँव में घर-घर धान का भंडार होता है, जिसके चलते लोग छेर छेरा माँगने वालों को दान करते हैं।

‘छेर छेरा ! माई कोठी के धान ला हेर हेरा !’ यही आवाज़ आज प्रदेश के ग्रामीण अंचल में गूंजी और दान के रूप में धान और नगद राशि बांटी जाती है।

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