घटना के बाद आपस में उलझे महिला के बेटे
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और शव को पंचनामा के उपरांत पोस्टमार्टम के लिए डोंगरगांव रवाना गया। मृतिका के दो बच्चे हैं, जिनमें से एक डोंगरगांव तहसील में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है। जबकि दूसरा बेटा राजनांदगांव स्थित शुक्ला हॉस्पिटल में कार्य करता है। वहीं घटना के बाद दोनों पुत्रों के बीच घटनास्थल पर ही विवाद की स्थिति भी निर्मित थी। हालांकि पुलिस को अभी किसी प्रकार का सुसाइडल नोट नहीं मिला है, प्रथम दृष्टया इसे पारिवारिक मामला माना जा रहा है।
दीवार तोड़कर किया बचाने का प्रयास
मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र से धुआं उठता देखकर ग्रामीण जन उसे बचाने के लिए पहुंचे थे, पर कक्ष का दरवाजा अंदर से लॉक होने के कारण दीवार व पीछे की खिड़की को तोड़ा गया। जिसके उपरांत उसे बचाने का प्रयास किया, तब तक देर हो चुकी थी। आंगनबाड़ी केंद्र में मिट्टी का तेल एक अतिरिक्त कक्ष में था। घटना के बाद ग्रामीण भी सहमे हुए हैं। महिला के इस आत्मघाती कदम से सदमे में है।