टीकाकरण पर अमीरी गरीबी! : हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के नियमों को नकारा, हाइकोर्ट की दो टूक :”33 प्रतिशत के हिसाब से हो सभी वर्गों का टीकाकरण, अब कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी”

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 07 मई 2021

छत्तीसगढ़ में 18 वर्ष की आयु से अधिक उम्र को लोगों को लगने वाले कोरोना का टीका के लिए प्रदेश की राजनीति तो गर्म है ही लेकिन इसको लेकर हाईकोर्ट से भी राज्य सरकार को करारा झटका लगा है । दरअसल राज्य सरकार ने पहले वैक्सीनेशन की व्यवस्था अंत्योदय राशन कार्डधारियों के लिये की थी इसके खिलाफ छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसपर आज सुनवाई हुई है । कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सरकार वैक्सीनेशन पर रोक नहीं लगा सकती है। अब कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी वर्ग को 33% के हिसाब से सामान रूप से वैक्सीन लगाई जाए। इससे पहले कोर्ट ने सरकार से दो दिन में स्पष्ट पॉलिसी बनाने को कहा था। इसी मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई।

 

 

 

दरअसल, राज्य सरकार ने 18+ के वैक्सीनेशन में अंत्योदय कार्डधारकों को प्राथमिकता दी थी। इसके खिलाफ जोगी कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी सहित अन्य ने जनहित याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 4 मई को सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी। इसमें कहा था कि बीमारी अमीर-गरीब देखकर नहीं आती है। इसलिए वैक्सीन भी इस नजरिए से नहीं लगाई जा सकती। अपर मुख्य सचिव का आदेश गलत है ।

सरकार के आदेश में क्या था?

राज्य सरकार ने 30 अप्रैल को आदेश जारी कर एक मई से 18+ के लिए नि:शुल्क टीकाकरण अभियान की घोषणा की थी। इस आदेश में कहा गया कि यह टीका सबसे पहले अन्त्योदय राशन कार्डधारकों को लगेगा। उनको लग जाने के बाद BPL परिवारों के 18 से 44 आयु वर्ग और सबसे अंत में APL को टीका लगाया जाएगा। विपक्ष इसको आरक्षण बताकर विरोध कर रहा है। कोरोना संक्रमण मामले में स्व प्रेरणा से कोर्ट में चल रही सुनवाई में ही ये भी जनहित याचिकाएं लगाई गईं हैं ।

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