बढ़ते खादों के दाम को लेकर केंद्र की सरकार पर संसदीय सचिव ने बोला हमला, शकुंतला साहू बोली :”केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी, खाद की कीमतों में वृद्धि से असली चेहरा उजागर”

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 12 मई 2021

बढ़ते खाद के दामों को लेकर संसदीय सचिव शकुंतला साहू ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला । कृषि विभाग के संसदीय सचिव शकुन्तला साहू ने कहा कि अभी रबी सीजन 2020-21 में डीएपी किसानों को 1200 रुपये प्रति बोरी के दर पर उपलब्ध कराई गई थी। खरीफ सीजन 2021 में इसका मूल्य बढ़ाकर 1900 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया है । उन्होंने कहा कि बीते एक साल से कोरोना महामारी के चलते आम लोगों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं । ऐसी स्थिति में डीएपी सहित अन्य रासायनिक उर्वरकों के दामों में वृद्धि के चलते किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी और वह खरीफ सीजन के लिए खाद खरीदने में असहाय हो जाएंगे।
संसदीय सचिव शकुन्तला साहू ने कहा की रासायनिक खाद डीएपी के मूल्य में लगभग 58% की एकाएक वृद्धि से किसान हैरान है । अब यह खाद किसानों को 1900 रुपए प्रति बोरी में क्रय करनी होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 खरीफ सीजन में डीएपी खाद किसानों को 1150 रुपए प्रति बोरी की दर से तथा रबी सीजन 2020 – 21 में 1200 रुपये प्रति बोरी की दर से प्रदाय की गई थी । इसी तरह रासायनिक खाद एनपीके के दाम में भी प्रति बोरी 565 रूपए की वृद्धि की गई है । अब यह खाद किसानों को 1185 रुपए प्रति बोरी के स्थान पर 1747 रुपये प्रति बोरी देकर खरीदना होगा। सिंगल सुपर फास्फेट के सभी प्रकार के खादों के दाम में प्रति बोरी लगभग 36 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। रासायनिक खाद एमओपी के दाम में भी प्रति बोरी 150 रुपए की वृद्धि की गई है। इसका दाम 850 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया है। मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ सहित देश के किसानों के सामने खेती को लेकर बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे खेती की लागत बढ़ जाएगी । उन्होंने केंद्र सरकार से कोरोना संकटकाल में किसानों को राहत देने के लिए रासायनिक उर्वरकों के दामों में हुई वृद्धि को वापस ले। इस संकट काल मे छत्तीसगढ़ के सीएम भुपेश बघेल की सरकार इस कोरोना संकट में किसानों को राहत देने जल संसाधन विभाग से बड़ा फैसला लिया है ।

 

 

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संसदीय सचिव ने कहा की छत्तीसगढ़ के सभी किसानों की सिंचाई कर (टैक्स) की बकाया राशि और चालू मांग राशि माफ़ करने घोषणा किया गया है. किसानों को रबी और खरीफ दोनों फसल के लिए सिंचाई टैक्स नहीं देना पड़ेगा ।

शकुंतला साहू ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के समस्त किसानों की 1 नवंबर 2018 से 30 जून 2020 तक की स्थिति में सिंचाई जल कर की बकाया राशि एवं वर्ष 2020 21 की चालू मांग राशि (खरीफ एवं रबी) को माफ करने की है । साथ ही किसानों को आर्थिक लाभ के लिये 21 मई से राजीव गांधी किसान न्याय योजना से प्रति एकड़ 10 हज़ार रु के प्रथम क़िस्त को किसानों के खातों में सीधे मुख्यमंत्री जी हस्तांतरित करेंगे ।छत्तीसगढ़ सरकार किसान हितैषी सरकार किसानों के सुख दुख के साथ खड़ी है , किसान खुशहाल होंगे तो राज्य खुशहाल होगी ।

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