लंबे समय से झोलाछाप डॉक्टरों ने डाला ग्रामीण क्षेत्र में डेरा, खुलेआम चल रहा अवैध क्लीनिक और अस्पताल

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कन्हैया तिवारी की रिपोर्ट
गरियाबंद 10 जून 2021

गरियाबंद जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों का ईलाज के नाम रुतबा किसी अधिकारी से कम नही , आपको बता दे कि मैनपुर मुख्यालय से महज 50 से 60 किलो मीटर में झोलाछाप डॉक्टरों ने अपना डेरा लंबा समय से डाल रखा है लेकिन प्रशासन के सुस्त रवैये से झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम ग्रामीण क्षेत्र में क्लिनिक खोलकर ओर झोपड़ी में ईलाज कर प्रशासन को ठेंगा दिखा दिया है आपको बता दे कि मैनपुर के कोयबा,इंदागाँव, धुरवागुड़ी,अमलिपदर, कुहीमाल, छैला,चिखली,सरनाबहाल,घुमरापदर,कोदोभाटा,डुमाघाट, कांडसर,भैसमुड़ी,धुरवापथरा, गोढियारी,दाबरीगुडा सागड़ा, उरमाल,खोखमा,जैसे और भी गाँव मे झोलाछाप डॉक्टर ने घूम घूम कर ईलाज कर रहे है इतना ही नहीं, छोटे छोटे जंगल के गाँव मे झोलाछाप डाक्टरो ने अपना ईलाज करने को बैठने के लिए एक जगह रख लिए है और ऐसा भी परिस्थिति निर्मित हुई है जब मरीज की मृत्यु की जानकारी प्रशासन को होती है तब तक अंतिम संस्कार तक हो जाये रहता है, भोले भाले आदिवासी इलाके में रहने वाले ग्रामीणों को झोलछाप डॉक्टरों ने ईलाज के नाम पर लूट मचा रखे है लेकिन क्या करे जंगल के अंदर रहने वाले ग्रामीण मजबूरन झोलछाप डाक्टरो से ईलाज कराने में मजबूर है जिसका फायदा झोलछाप डॉक्टर उठा रहे है , कुछ झोलछाप डॉक्टर तो अपना पहुँच बड़े राज नेता से होना बताया कर बिन्दास अपना झोलछाप डॉक्टरी कर रहे है,कोरोना काल मे झोलाछाप डॉक्टरों ने अपना बिजनेस भी बना लिया है, इतना ही नही कोरोना काल में धड़ल्ले से अपना झोलाछाप डॉक्टरी कर रहे है ,जिसको कोई देखने वाला भी नही है ।मैनपुर बीएमओ ध्रुव ने बताया कि कोरोना की वजह से कार्यवाही नही कर सके है कार्यवाही करने को टीम गठित की जाएगी जिसमें SDM तहसीलदार शामिल रहेंगे,कुछ दिन में टीम गठित कर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

 

 

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