शराब की घर पहुंच सेवा, किंतु इसके दुष्प्रभाव पर सरकार मौन, देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा चल रहा है तो प्रदेश में पांच-पांच बेटियां एक साथ काल के गाल में समा रही

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मुकेश सेन 

पाटन 12 जून 2021

 

 

 

पाटन–ज़िला पंचायत सदस्य मोनू साहू ( मोरध्वज़ )ने प्रदेश सरकार और कांग्रेस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हाथ में गंगाजल लेकर कसम खाने वाली सरकार ने इस प्रदेश के माताओं बहनों और बच्चों को अपने घोषणापत्र में शराबबंदी कर सुरक्षा प्रदान करने की बात कही थी। किंतु गुरुवार को महासमुंद में जो हृदय विदारक घटना घटित हुई है।जिससे पूरा प्रदेश हिल गया है एक श्रमिक महिला अपने शराबी पति के पीने की लत के कारण रेलवे ट्रैक पर जाकर ट्रेन के सामने कूदकर अपने पांच बेटियों सहित आत्महत्या कर ली सरकार के पास लॉक डाउन में भी होम डिलीवरी शराब परोसने की व्यवस्था है। किंतु शराब पीने के बाद उत्पात मचाने वाले असामाजिक तत्वों,शराबियों पर नकेल कसने की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते प्रदेश की महिलाएं बच्चे पूरी तरह से असुरक्षित है इससे प्रदेश भर के लोगों में नाराजगी पनप रही है। प्रदेश की भोली भाली माताओं बहनों से झूठा वादा कर सत्तासीन होने वाली कांग्रेस की भुपेश सरकार सीधे तौर पर प्रदेश में लगातार हो रहे इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। जिससे महिला समेत 5 बेटियों का भविष्य काल के गाल में समा गया। आप समझ सकते हैं कि कोई महिला शराब के दुष्प्रभाव से किस कदर परेशान रही होगी, कि उसने अपने जान से प्यारे बच्चों समेत खुद को मौत के मुंह में झोंक दिया। समाज की सबसे बड़ी बुराई शराब जैसे विषयों पर आज संवेदनहीन सरकार की वादाखिलाफी समझ से परे है।यह जनता है भूपेश जी सब जानती है और हिसाब करती है लेकिन समय पर करती है।अन्य घटनाओं पर बाकी समय तो आप मुआवजा देकर अपनी पीठ थपथपा लेते हैं किंतु, आत्महत्या पर कैसे मुआवजा देंगे और जो पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर ले उसे कैसे मुआवजा देंगें। एक तरफ देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे नारे दिए जा रहे हैं और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में पांच बेटियां आत्महत्या को मजबूर हो गई।

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