CM सर, ओ स्वास्थ्य मंत्री जी…शिवम को न्याय दिलाइये…सरकारी सिस्टम ने शारीरिक दिव्यांग का बना दिया ‘मानसिक दिव्यांग’ सर्टिफिकेट…अब सरकारी सिस्टम की गलती की सज़ा भुगत रहा है जांजगीर का शिवम

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जीवन पटेल/प्रमोद मिश्रा | पामगढ़ | 17 जुलाई, 2021

 

 

छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के कोसा गाँव का 16 वर्ष का एक मासूम सोये सिस्टम का खामियाजा भुगत रहा है। छत्तीसगढ़ की सुस्त सिस्टम और बहरे अधिकारियों ने मानसिक रूप से स्वस्थ एक मासूम को मानसिक दिव्यांग बताकर कई लाभ से वंचित कर दिया। जीवनदाता नाम से जाने वाले डॉक्टरों के काले कारनामों के चलते आज 16 वर्षीय विकलांग शिवम सिंह चंदेल शासकीय योजनाओं के लाभ पाने से वंचित है।

 

छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोसा से मरे हुए सरकारी सिस्टम का एक घिनौना सच सामने आया है।जहा जांजगीर-चांपा जिले के एक डाक्टर ने 16 वर्षीय मासूम विकलांग शिवम चंदेल को बिना चेकअप किए ही 80% पागल घोषित कर दिया। जिसके चलते इस मासूम लड़के को शासकीय योजना के तहत किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल पा रहा, यह बच्चा पढ़ने लिखने में बहुत ही माहिर है। किसी व्यक्ति से आम व्यक्ति की तरह अच्छे से बात कर पाता है। बस इसकी एक ही कमजोरी है, यह विकलांग होने के कारण चल नहीं पाता, जिसे जांजगीर-चांपा जिले के किसी एक डॉक्टर ने 80% पागल घोषित कर दिया। जिसके चलते निस्सहाय विकलांग शिवम सिंह चंदेल शासकीय योजना के लाभ लेने के लिए दर-दर भटक रहा है।

 

 

पढ़कर परिवार का हिम्मत बनना चाहता है शिवम
विकलांग मासूम लड़का शिवम सिंह चंदेल को पढ़ाई का बहुत शौक है, जिससे वे दिन भर किताबों की दुनिया में डूबे रहता है और वे अपने उम्र के बच्चों से अधिक जानकार और समझदार भी है। शिवम सिंह चंदेल रोजाना स्कूल जाकर पढ़ना चाहता है, परंतु उसे शासकीय योजना के तहत विकलांग साइकल नहीं मिलने से शिवम सिंह चंदेल स्कूल नहीं जा पाता और अच्छी शिक्षा से हमेशा वंचित रहता है। जिसका कारण डॉक्टर के द्वारा फर्जी तरीके से शिवम सिंह के नाम 80% पागल सर्टिफिकेट बना कर देना है। जिसके चलते शिवम सिंह को स्कूल के टीचर द्वारा भी सही शिक्षा भी नहीं दी जाती और उसे बच्चे व शिक्षक भी पागलों की नजरों से देखते हैं। जिससे शिवम सिह चंदेल काफी असंतुष्ट और दुखी नजर आ रहे हैं।

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परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब
एक तरफ वह 16 वर्षीय विकलांग मासूम लड़का अपनी कमियों को दूर कर शासकीय योजनाओं के लाभ के अभाव में अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अपने व अपने बूढ़े मां बाप का सहारा बनना चाहता है, तो दूसरी तरफ जांजगीर-चांपा जिले के अधिकारी वर्षों से इस मासूम की बातों को नजरअंदाज करते हुए आ रहे हैं। जिसके चलते यह मासूम सा लड़का शासकीय योजनाओं के लाभ पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, तो वहीं उस मासूम से बच्चे के गरीब बूढ़े मां बाप की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वे लोग दाने दाने के लिए खाने का मोहताज बन चुके हैं वे हर रोज कमाते हैं और हर रोज खाते जिस दिन इस गरीब बूढ़े मां बाप की मजदूरी नहीं लगती उस दिन इनके बच्चे और वे खुद भूखे सोते हैं।

योजनाओं से वंचित है शिवम
एक तरफ तो भारत के प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री गरीब आम जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान निर्माण कराने के बड़े-बड़े दावे करते हैं, गरीबों को घर दिलाने का वादा करते हैं, लेकिन आज उनके दावे जांजगीर-चांपा जिले के कोसा गांव में धरे के धरे नजर आ रहे हैं। क्योंकि इस मासूम से छोटे बच्चे और उसके बूढ़े मां बाप ना तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ मिला है और ना ही इस विकलांग मासूम बच्चे को आने जाने के लिए किसी भी प्रकार का साधन दिया गया है। उल्टा जांजगीर-चांपा जिले के मेडिकल अधिकारियों ने इस मासूम से बच्चे को बिना किसी चेकअप किए 80% फर्जी तरीके से पागल घोषित कर दिया, जिसके चलते मासूम विकलांग शिवम सिंह चंदेल का भविष्य आज डूबते हुए नजर आ रहा है। साथ ही साथ उसके बूढ़े मां बाप की एक नई उम्मीद भी जांजगीर-चांपा जिले के लापरवाह अधिकारियों के चलते डूबते हुए नजर आ रहा है।

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शिवम सिंह चंदेल व उसके बूढ़े मां बाप एवं बहन की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है, जिसे देखकर लोगों की आंखों में पानी भर आते हैं। जब लोग इनके परिवार के दयनीय स्थिति के बारे में सुनते हैं, तो भारत का संविधान उनके नजरों में डगमगाता हुआ नजर आता है। क्योंकि जांजगीर-चांपा जिले में ऐसे सुस्त और नाकाबिल अधिकारी बैठे हैं, जो ना तो भारत के संविधान को मानता है और ना ही उनके नियमों को, तभी तो आज 16 वर्ष बीतने को हैं। एक मासूम से विकलांग लड़के को शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है जब इस मामले की खबर मीडिया को हुई तो मीडिया ने मासूम बच्चे शिवम सिंह चंदेल और उसके बूढ़े मां बाप से बात की तो मीडिया के सामने अपने बेटे की स्थिति और उसके साथ हुए प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के बातों को बताते हुए बूढ़े मां-बाप की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वे मीडिया के सामने अपने छोटे से मासूम बच्चे के सुनहरे भविष्य के लिए रोते हुए मीडिया के माध्यम से प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हैं।

 

अब आस जागी

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सुदर्शन न्यूज़ से बातचीत में कहा है कि वो सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित कर शिवम को सम्बंधित लाभ दिलवाएंगे।
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने इस विषय को मीडिया के माध्यम से संज्ञान में लिया और कहा है कि वे ख़ुद इसे गम्भीरता से लेकर मामले का निराकरण करेंगे।
वहीं ख़बर के बाद समाजसेवा में कार्य कर रही मानवता की टीम ने परिजनों से मुलाकात की और उचित मदद की बात कही है।

 

 

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