बयान पर घमासान : बीजेपी ने बोला कांग्रेस पर हमला, बीजेपी नेता बोले : “बघेल हीन ग्रंथि के शिकार हैं, 70 विधायकों का जनादेश पाने के बावजूद ढाई वर्ष ठीक से सत्ता नहीं सम्हाल पाए”

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 04 सितंबर 2021

छत्तीसगढ़ की बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के बयान को लेकर राज्य की सियासत काफी गर्म हो गई है । आपको बता दें कि आज मुख्यमंत्री के साथ 9 और मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर डी पुरेंदश्वरी के बयान की कड़ी आलोचना की ।सीएम ने यहां तक कह दिया कि बीजेपी की हमेशा यहीं सोच रहीं है कि फुट डालो और राज करो ।कांग्रेस के पीसी के बयान के बाद बीजेपी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा ।

 

 

 

बीजेपी नेताओं ने कहा कि प्रदेश के बस्तर में भाजपा के तीन दिवसीय चिंतन शिविर और प्रदेश भाजपा के तमाम नेताओं की दिखी एकजुटता से कांग्रेस बुरी तरह डरी हुई है ।जनता से की गई वादाखिलाफी और अपनी असफलता को छिपाने के लिए कोई शिगूफा नहीं मिल रहा है, ऐसे में लगातार झूठ बोलकर, नफरत और घृणा फैला कर कांग्रेस मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है ।

बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस की पत्र वार्ता में नेताओं के बयान उलटे चोर कोतवाल को डांटे जैसा है. वास्तव में समूचे देश भर में सीएम भूपेश बघेल के पिता नन्दकुमार बघेल घूम-घूम कर जिस तरह नफरत फैला रहे हैं, वैसा उदाहरण कभी अन्य दल में देखने को नहीं मिला है. आज तक न तो भूपेश बघेल ने अपने पिता के हिन्दूद्रोही-श्रीराम द्रोही बयानों पर कभी शर्मिंदगी व्यक्त की और न ही कभी कोई खेद जताया. जैसा जातिगत द्वेष सीनियर बघेल फैला रहे हैं, ऐसी नफरतों का कांग्रेस का इतिहास रहा है ।

बीजेपी नेताओं ने कहा कि हम सब जानते हैं कि पुरंदेश्वरी का वह मंतव्य नहीं था जैसा बघेल साबित करना चाहते हैं. दक्षिण से होने के कारण उनका आशय अलग है और वे फूक मार कर उड़ाने जैसा कुछ कहना चाह रही थीं ।

बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस को इतिहास याद दिलाते कहा कि आज की ही खबर है कि उम्र कैद की सज़ा काट रहे कांग्रेस नेता रहे सज्जन कुमार की ज़मानत फिर से सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी है. नफरत की राजनीति वह थी जब हजारों निर्दोष सिखों की निर्मम ह्त्या को राजीव गांधी ने पेड़ गिरने पर धरती हिलना जैसा कहा था.
छत्तीसगढ़ की कैबिनेट के बारे में दिए गए बयान को किसान की आड़ देना ऐसी करामात भूपेश बघेल ही कर सकते हैं. कांग्रेस सरासर झूठ बोल रही है. किसानों के खिलाफ कुछ भी कहे जाने का सवाल ही नहीं पैदा होता है. भूपेश बघेल के शासन काल में 500 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है, और बघेल उस पर ध्यान देने के बदले झूठ की खेती में लगे हैं, यह बार-बार कहने की ज़रुरत नहीं है ।

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बीजेपी नेताओं ने कहा कि जिस कांग्रेस के शासन काल में रोज सात से आठ दुष्कर्म हो रहे हों, जिसने शराबबंदी का वादा कर आज शराब को घर-घर पहूँचा कर माताओं-बहनों का जीना दूभर कर दिया है, ऐसे लोग अगर अपनी नाकामी छिपाने के लिए ऐसे गाल बजायें तो इसका क्या जवाब दिया जा सकता है ।

बीजेपी नेताओं ने कहा की जैसी नफरत बघेल ने अपने ही विधायकों के बीच फैलाई है, जिस तरह कैबिनेट मंत्री पर सत्ताधारी विधायक ही ह्त्या कराने का संदेह जताता है, वैसी कैबिनेट पर सवाल उठाना किसानों पर सवाल उठाना कैसे हो गया?

बीजेपी नेताओं ने कहा कि बदजुबानी का इतिहास रहा है भूपेश का, यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बाप-दादा तक को अपमानित करने की बात कहने वाले बघेल, खुद अपने पिता को भी बदजुबानी से नहीं रोक रहे और निम्न स्तरीय राजनीति कर रहे हैं, इसे क्या कहा जाय । जिस कैबिनेट पर खुद कैबिनेट मंत्री का ही भरोसा नहीं रहा, पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री ने अपने साथियों पर अविश्वास जताते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया था, उस कैबिनेट के खिलाफ बोलना किसानों के खिलाफ बोलना भला कैसे हो गया?
सच तो यह है कि बघेल हीन ग्रंथि के शिकार हैं. 70 विधायकों का जनादेश पाने के बावजूद ढाई वर्ष ठीक से सत्ता नहीं सम्हाल पाए, देश भर में कांग्रेस आज मज़ाक का पात्र बनी हुई है, ऐसी विफलता से ध्यान भटकाने नए-नए झूठ गढ़ने का धंधा अब बघेल का चलने वाला नहीं है. काठ की हांडी एक बार चढ़ गयी ।

बीजेपी नेताओं ने कहा कि जिस भाजपा ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, जिसने छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्ज़ा देने समेत कांग्रेसी शोषण और उपेक्षा के शिकार रहे छत्तीसगढ़ को देश का अगुआ राज्य बनाया, उसे पचास वर्ष तक लूटने खसोटने वाले, प्रदेश बनाने की मांग को दबाने वाली कांग्रेस जब प्रादेशिक अस्मिता की बात करती है, तो उसे क्या कहा जाय? न तो इसके पास सिलगेर का जवाब है और न ही आदिवासियों को गोलियों से भून देने वाले प्रकरणों का, तो ऐसे ही पाखण्ड की बदौलत कांग्रेस सरकार अपने दिन काट रही है ।

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बीजेपी के बड़े नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने बदजुबानी करते हुए कहा था कि भाजपा जिसका सम्मान करती है उसकी ह्त्या कर देती है, इसी तरह राहुल गांधी को संघ और भाजपा के खिलाफ नफरत फैलाने, झूठ बोलने, मानहानि आदि करने के आरोप में बार-बार उच्च अदालतों से माफी मांगना पड़ी है, ऐसे लोग भी दूसरों को तमीज सिखाते हैं।

बीजेपी नेताओं ने कहा कि हाल ही में हमारी प्रभारी पुरंदेश्वरी की तुलना कांग्रेस के एक मंत्री ने दस्यु सुन्दरी से की थी, इससे अधिक बदजुबानी और क्या हो सकती है. कांग्रेस के नेता ने अविभाजित मध्यप्रदेश के भाजपा अध्यक्ष रहे, वरिष्ठ आदिवासी नेता, प्रदेश के प्रथम नेता प्रतिपक्ष रहे श्री नन्दकुमार साय जी के बारे में कितनी नफरत भरी बातें की है, अभी वह भी आप सबने देखा ही है. आखिर कांग्रेस को प्रदेश के आदिवासियों और उनके नेतृत्त्व से इतनी नफरत क्यों है? क्या कांग्रेस को लगातर सत्ता से बाहर रखने के कारण बघेल के मन में यह नफरत है?
छत्तीसगढ़ के ही कांग्रेस विधायक यहाँ की जनता से कितनी नफरत करते हैं वह आप सबने हाल में अधिकारियों को मां-बहन की गाली, उन्हें जूते मारने का आह्वान आदि में देखा ही है. कवासी लखमा ने बच्चों को हाल ही में यह कहा था कि बड़ा नेता बनना है, तो एसपी-कलेक्टर की कॉलर पकड़ो ।

बीजेपी नेताओं ने कहा उन्हें यह बताना चाहिए कि :-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल या उनके मंत्री मंडल का एक भी सदस्य क्या कभी खाद के लिए परेशान किसानों का दर्द जानने, उनकी पीड़ा समझने किसानों तक पहुंचा है. कौन से किसान से खाद की आपूर्ति के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चर्चा की है बताएं.
अपने आपको किसान बताने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल या उनके मंत्री मंडल का एक भी सदस्य क्या कभी बिजली कटौती से परेशान किसानों की पीड़ा जानने पहुंचा है और क्या कभी अपने आपको किसान बताने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को इस बात के लिए आदेशित किया या फोन पर चर्चा कर निर्देश दिया कि किसानों की पीड़ा को देखते हुए उनकी फसलों के सीधे नुकसान को देखते हुए बिजली कटौती ना की जाए ।

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