CG विधायक ने किया चक्काजाम : कोतवाली TI को हटाने की मांग को लेकर विधायक प्रमोद शर्मा ने किया चक्काजाम, विधायक बोले : “आज तक बलौदाबाजार के इतिहास में इतना घूसखोर TI नहीं देखा”

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प्रमोद मिश्रा/आनंद वाकड़े

बलौदाबाजार, 11 सितंबर 2021

बलौदाबाजार थाना सिटी कोतवाली प्रभारी महेश ध्रुव को निलंबित करने की मांग को लेकर बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा और जनप्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया है। दरअलस महेश ध्रुव पर आरोप है कि उनके द्वारा अवैध वसूली की जाती है, आपराधिक मामलों को रफादफा करने के लिए आरोपियों से मोटी रकम लेकर छोड़ दिया जाता है, साथ ही बेगुनाहों पर फर्जी केस लगाकर कर जेल भेज दिया जाता है। इसके अलावा महेश ध्रुव पर उनके खराब बर्ताव को लेकर भी कई शिकायते है चाहे वह पत्रकारों से बत्तमीजी हो या फिर जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार जैसे कई शिकायतें उच्चाधिकारियों से होने के बाद भी कोई कार्यवाही न करने के चलते आज बलौदाबाजार के जनप्रतिनिधियों ने सिटी कोतवाली के बाहर चक्का जाम कर जमकर नारेबाजी की।

 

 

 

बलौदाबाजार के जनप्रतिनिधियों द्वारा थाना सिटी कोतवाली महेश ध्रुव को हटाने साथ ही निलंबित करने की मांग को लेकर आज थाना सिटी कोतवाली का घेराव कर चक्का जाम किया गया है। साथ ही महेश ध्रुव के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। विधायक प्रमोद शर्मा ने कोतवाली प्रभारी महेश ध्रुव पर आरोप लगाते हुए कहा कि महेश ध्रुव बलौदाबाजार जिले में केवल पैसा कमाने के उद्देश्य से आया है। महेश ध्रुव के द्वारा लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते आये है। अवैध वसूली, अपराधियों को संरक्षण देना, पत्रकारो व जनप्रतिनिधियों से बत्तमीजी कर दुर्व्यवहार करना इनका रोज का काम हो गया है। विधायक प्रमोद शर्मा ने महेश ध्रुव के ऊपर संगीन आरोप लगाते हुए तत्काल निलंबित करने की मांग कर रहर है।

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जिला पंचायत सभापति नवीन मिश्रा और जनपद उपाध्यक्ष इशान वैष्णव ने भी महेश ध्रुव पर आरोप लगाते हुए बलौदाबाजार से हटाने की मांग कर रहे है साथ ही जबतक निलंबित कर बलौदाबाजार नही हटाया जाएगा तब तक चक्का जाम कर प्रदर्शन की बात कही है। उन्होंने कहा कि महेश ध्रुव सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने के उद्देश्य से बलौदाबाजार में पैठ जमाये बैठा है। महेश ध्रुव का अन्य जगह ट्रांसफर हो चुका है लेकिन उच्चाधिकारियों की के संरक्षण में अबतक महेश ध्रुव को यहां से ट्रांसफर नहीं किया जा रहा है।

इससे पहले भी महेश ध्रुव पर जनप्रतिनिधियों व पत्रकारो के अलावा ग्रामीणों का भी आरोप है कि उनके द्वारा अवैध वसूली की जाती है और पैसे नही देने पर केस बनाकर जेल भेज दिया जाता है। अब देखना होगा कि पुलिस अधिकारी पर इस प्रकार के आरोप पर उच्चाधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है या फिर इस बात हो केवल मात्र जांच करने की बात कह कर ठंडे बस्ते में फेंक दिया जायेगा….???

 

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