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बड़ी ख़बर : न चारा…न पानी, ऊपर से जनप्रतिनिधियों की मनमानी, गोठान में दम तोड़ रहे हैं गौवंश…सरकार के पायलट प्रोजेक्ट का हाल देखिये

घनश्याम साहू, मीडिया24 न्यूज़, कुरुद, 23 सितंबर, 2021

छत्तीसगढ़ में एक ओर प्रदेश सरकार नरवा, गरवा, गुरवा बाड़ी को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार इसे पायलट प्रोजेक्ट बताकर खूब वाहवाही भी बटोरती है। वहीं दूसरी पर ज़मीनी स्तर पर जाने से पता चलता है कि गोठानों में गौवंशों को रखने वाले लोग घोर लापरवाही बरतते नज़र आते हैं।

Photo : मृत गौवंश

 

 

रायपुर जिले से लगे धमतरी जिले कुरुद जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम कचना में गौठान तो बना दिया गया है, लेकिन यहाँ गौवंशों के लिये चारा और पानी की व्यवस्था ही नहीं है। गौठान के देख रेख के अभाव में यहां के मासूम गौवंश जान गंवाने पर मजबूर हैं।

Photo : मीडिया से अपनी पीड़ा साझा करते ग्रामीण

ये दिलचस्प बात है कि इसी क्षेत्र से जिला पंचायत अध्यक्ष और कुरूद जनपद पंचायत अध्यक्ष चुने गए हैं, लेकिन उन्हीं के क्षेत्र में यहां की गौठान बद से बदतर दिखाई दे रहा है।

Photo : जवाब देते ग्राम के सरपंच

जिला पंचायत अध्यक्ष और कुरूद जनपद पंचायत अध्यक्ष के क्षेत्र में ये हाल है, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूसरी गौठान का क्या हाल होगा?

यहाँ के ग्रामीण और पंच जनपद पंचायत और एसडीएम पास शिकायत करने गए थे, पूर्व में भी शिकायत किया गया था, लेकिन जनपद सीईओ के द्वारा लेटर गुम जाने की बात कह रही है। लोग बताते हैं कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का अगर ऐसी रवैया रहा, तो अन्य व्यक्तियों को अधिकारियों से भरोसा ही उठ जाएगा।

Photo : ग्राउंड रिपोर्ट बनाते हमारे संवाददाता घनश्याम साहू

गांव में फसल को बचाने के लिए रखवार रखा गया है और चरवाहा के माध्यम से आस पास के जानवरों को वह एक से दो माह तक ताल बंद कर के गौठान में रखा गया है। पर ना तो इन गोठानों में चारा है, ना ही पानी है।

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ग्रामीण बता रहे हैं चारा और पानी की व्यवस्था नहीं होने से गौवंशों की जान जा रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण सरकार का पायलट प्रोजेक्ट ग्राम कचना में फेल होता नजर आ रहा है।

CM का ड्रीम प्रोजेक्ट है नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी

नरवा, गरवा, घुरूवा बाड़ी योजना देश के छत्‍तीसगढ़ राज्‍य में चलाई जा रही सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है।

Photo : एक कार्यक्रम के दौरान CM भूपेश

हाल ही में नीति आयोग की बैठक में छत्‍तीसगढ़ की इस योजना की चर्चा हुई थी। जिसके बाद नीति आयोग तथा पीएम मोदी ने इस योजना की खुले दिल से तारीफ भी की थी।

योजनाएं चलाना ठीक है, असलियत देखने के लिये क्लिक करिये-

असल में यह योजना छत्‍तीसगढ़ के 4 प्रतीकों से प्रेरित है। यह चिन्‍ह हैं नरवा (नाला), गरवा (पशु तथा गौठान), घुरवा (खाद यानि उर्वरक) बाड़ी (बाग)

नयी योजना के तहत राज्‍य में इन चारों चीजों के सरंक्षण पर बल दिया जा रहा है। राज्‍य में नरवा गुरूवा घुरूवा बाड़ी योजना लागू होने के बाद भूजल के रिचार्ज मे बढ़ोत्‍तरी, सिंचाई के लिये जल की पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍धता, आर्गेनिक खेती के लिये पर्याप्‍त मात्रा में खाद तथा पशुओं की देखभाल व उनके लिये पर्याप्‍त चारे की व्‍यवस्‍था हो सकेगी।

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