प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 02 अक्टूबर 2021
छत्तीसगढ़ में इस बार भी मां दुर्गा की पूजा में कोरोना का साया देखने को मिला है । अलग – अलग जिलों के कलेक्टर अपने – अपने जिले के हिसाब से गाइड लाइन जारी कर रहें है । आपको बताते चले कि रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने शुक्रवार को दुर्गा पूजा से जुड़ी गाइडलाइन जारी कर दी है। गाइडलाइन में साफ शब्दों में कहा गया है कि इस बार भी माता का भंडारा नहीं होगा। गाइडलाइन में प्रतिमाओं को स्थापित करने के लिए 8 फीट की ऊंचाई निर्धारित की गई है। पंडाल में एक वक्त में 50 लोग शामिल हो सकेंगे। पंडाल सिर्फ 15 फीट लंबे और 15 फीट चौड़े ही बन सकेंगे। पिछले साल प्रतिमा को 6 फीट, पंडाल 20 फीट और 20 लोगों के ही एक वक्त में जमा होने की अनुमति थी।
आपको बताते चले कि इस बार मां दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापना के समय और विसर्जन के समय प्रसाद वितरण करने की मनाही हैं । यह आदेश रायपुर कलेक्टर ने जारी किया है और माना जा रहा हैं की ऐसा ही आदेश पूरे छत्तीसगढ़ में लागू होगा ।
दुर्गा पूजा गाइडलाइन 2021
- मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई 8 फीट होगी।
- प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियों पर प्रतिबंधित।
- पंडाल का आकार 15 बाय 15 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए।
- पंडाल के सामने कम से कम 500 वर्ग फीट की जगह खुली हुई होनी चाहिए।
- पंडाल की वजह से गली या सड़क का यातायात प्रभावित न हो।
- मंदिरों में तय जगहों पर ज्योत जलेगी।
- ज्योत दर्शन के लिए आम लोगों को एंट्री नहीं दी जाएगी।
- पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए कोई अलग से इंतजाम नहीं होगा।
- एक समय में पंडाल के सामने 50 से अधिक व्यक्ति जमा नहीं हो सकेंगे।
- मूर्ति दर्शन, पूजा के लिए शामिल होने वाले लोगों को बिना मास्क एंट्री नहीं मिलेगी। बाजार में नवरात्र से जुड़ी चीजें भी मिलने लगी हैं।
- समितियों को एक रजिस्टर मेंटेन करना होगा, इसमें दर्शन करने वालों करने आने वाले लोगों के नाम नंबर दर्ज किए जाएंगे।
- मूर्ति स्थापित करने वाले लोगों या समिति को सैनिटाइजर, स्कैनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंड वॉश, क्यू मैनेजमेंट का इंतजाम करना होगा।
- कंटेनमेंट जोन वाले इलाके में प्रतिमा स्थापित नहीं होगी, अगर स्थापना के बाद कंटेनमेंट जोन घोषित होगा तो पूजा रोकनी होगी।
- विसर्जन के समय किसी भी प्रकार का भोज भंडारा नहीं होगा।
- धुमाल या बैंड का इस्तेमाल 200 वाट के साउंड सिस्टम पर पंडाल के 100 मीटर के भीतर होगा।
- मूर्ति स्थापना या विसर्जन के दौरान चरणामृत या प्रसाद वगैरह नहीं बांटा जा सकेगा।
- मूर्ति विसर्जन के लिए अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी, सिर्फ छोटे वाहन में प्रतिमा ले जा सकेंगे।