गिरफ्तारी की तलवार : सस्पेंड ADG जी पी सिंह से जुड़े सभी मामलों की अंतिम सुनवाई 10 नवंबर को, राजद्रोह,आय से अधिक संपत्ति समेत सभी मामलों पर एक साथ होगी सुनवाई

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प्रमोद मिश्रा

बिलासपुर, 07 अक्टूबर 2021

छत्तीसगढ़ के सस्पेंड ADG जीपी सिंह पर गिरफ्तारी की तलवार लटकते नजर आ रहीं हैं । दरअसल सस्पेंड ADG के ऊपर आय से अधिक सम्पत्ति के मामलों के साथ राजद्रोह और बहुत सारे मामले चल रहे हैं । जी पी सिंह से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई 10 नवंबर को मुकम्मल की गई है । ऐसे में हो सकता हैं कि आने वाले दिनों में जी पी सिंह की गिरफ्तारी भी हो सकती हैं । सुप्रीम कोर्ट IPS सिंह की गिरफ्तारी पर 6 दिन पहले ही रोक हटा दी है। राहत देने से इनकार करते हुए सख्त टिप्पणी की थी। साथ ही सुनवाई के लिए हाईकोर्ट को 8 सप्ताह का समय दिया था।

 

 

 

आपको बता दे कि भिलाई के स्मृति नगर चौकी में करीब दो माह एक पहले कारोबारी ने FIR दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर निलंबित ADG जीपी सिंह ने 1 करोड़ रुपए मांगे थे। घबराकर उसने 20 लाख रुपए तक दे दिए थे। मामला साल 2015-16 का बताया जा रहा है। पुलिस ने मामले में आईपीसी 388 और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।

कोर्ट ने राहत देते हुए पुलिस कार्रवाई पर रोक लगा दी थी
इस मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में चल रही है। इसमें कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाई है। इससे पहले उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और राजद्रोह का केस रायपुर पुलिस ने दर्ज कर रखा है। जीपी सिंह ने इस मामले को भी लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इन मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली थी। इसके बाद जीपी सिंह सुप्रीम कोर्ट गए थे।

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कौन से पुराने केस की फाइल फिर से खुल चुकी है?

देवेंद्र नगर में रहने वाले दुर्लभ कुमार अग्रवाल नाम के युवक ने 2013 में शिकायत की थी कि तब रायपुर के SP रहे ओपी पाल और DSP अर्चना झा ने उसके साथ मारपीट की थी। इस केस को बिना जांच के जीपी सिंह ने रफादफा कर दिया था। इस घटना की जांच स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा करेंगे।
2016 में जीपी सिंह दुर्ग आईजी थे तो नक्सली लीडर पहाड़ सिंह ने सरेंडर किया था। ACB की छापेमारी में ये पता चला कि पहाड़ सिंह से करोड़ों रुपयों का हिसाब-किताब मिला था। चर्चा है कि पहाड़ सिंह के पास मिले रुपयों को कुछ कारोबारियों के पास रखा गया था जीपी सिंह ने उन कारोबारियों से रुपए लेकर उन्हें डराया था। इस मामले में छानबीन मौजूदा दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा करेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत कौर बल की भी एक शिकायत है। उनके मुताबिक कुछ आपराधिक मामलों में आरोपी कमलाकांत तिवारी को बचाने की कोशिश जीपी सिंह ने की थी। रायपुर रेंज के आईजी आनंद छाबड़ा इस केस की तहकीकात करेंगे।

 

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