प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 08 नवंबर 2021
छत्तीसगढ़ में सहकारी समिति के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं । अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारी, प्रदेश सरकार के खिलाफ आज से हड़ताल पर बैठने वाले हैं । आपको बताते चलें कि छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी होनी है ऐसे में अगर सहकारी समिति कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी जाती है और 1 दिसंबर तक हड़ताल खत्म नहीं होती है तो किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है ।
कर्मचारियों का कहना हैं कि छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर पर प्रदेश के 2058 समिति कर्मचारियों की 5 सूत्रीय मांगों पर शासन द्वारा कोई ध्यान नही देने से नाराज कर्मचारियों ने समितियो में ताला लगाकर 8 नवम्बर से हड़ताल पर जा रहे हैं। सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल में चले जाने से शासन द्वारा 1 दिसम्बर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी प्रभावित होने की प्रबल संभावना को देखते हुए किसान चिंतित है ।
विदित हो कि संघ ने अपनी 5 सूत्रीय लंबित मांगो को लेकर क्रमबद्ध धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगे पूर्व में अनेकों बार रख चुके है। इस दौरान सहकारी समितियों की व्यवस्था बिगड़ती देख शासन ने कमेटी गठित कर हड़ताल समाप्त कराया था। लेकिन 4 माह बीतने के बाद भी 5 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होने से सहकारी संघ के सभी जिला के कर्मचारी संघ ने जिलाधीश, मुख्यमन्त्री सहित तमाम अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में 8 नवम्बर से अनिश्चित कालीन हड़ताल में चले जाने की चेतावनी दिये जाने का शासन प्रशासन पर कोई फर्क नहीं पड़ा, जिसके कारण कर्मचारी गण आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू करने विवश है ।
सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के संगठन मंत्री व जिला संघ बलौदाबाजार-भाटापारा जिलाध्यक्ष मनीराम कैवर्त ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 5 सूत्रीय लंबित मांगो की जानकरी देते हुए बताया की सेवा नियम 2018 की आवश्यक संसोधन पंजीयक रायपुर में लम्बित है, जिसे पूरी की जाए। सहकारी समितियों में काम करने वाले कर्मचारियों को सेवा नियम 2018 के अनुसार प्रबंधको की भर्ती 50 प्रतिशत की जगह 100 प्रतिशत समति के संस्था प्रबन्धको को कैडर प्रबंधक के पद पर संविलियन करते हुए बैंक के अन्य पदों पर समिति के कर्मचारियों को 100 प्रतिशत संविलियन के माध्यम से की जाये या योग्यता के आधार पर उम्र बन्धन को शिथिल तथा प्रदेश के जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों पर प्लेसमेंट भर्ती पर पाबन्दी। धान खरीदी की नीति व अनुबंध में संसोधन की मांग शामिल है।
संघ का कहना है कि धान खरीदी जनवरी फरवरी माह में पूरी हो जाने के वावजूद धान का उठाव जून महीने तक चलता है।धान की उठाव में देरी होने के कारण उन्हें सुखत व अन्य खर्चो का भुगतान करना पड़ता है। धान खरीदी में आ रही सुखत कि राशि समितियों को वापस दिलाने एवम परिवहन में देरी होने से होने वाले अतिरिक्त खर्चो को समितियों को देने की मांग के अलावा पंचायत मंत्री टी एस सिहदेव के घोषणा अनुसार वेतन अनुदान प्रतिवर्ष 50 करोड़ राज्य शासन समितियो को दे एवम समिति में 30-40 वर्षों से कार्यरत अनियमित कर्मचारियों को नियमित करते हुये शासकीय कर्मचारियों को भाँति सुविधा देने के अलावा खरीफ विपणन आगामी वर्ष 2021-22 की धान खरीदी अनुबंध में आवश्यक बिंदुओं पर बैंक मार्कफेड ओर समिति ओर संघ के बीच कमेटी गठित कर धान खरीदी अनुबंध में आवश्यक संशोधन करने की मांग शामिल है।