प्रमोद मिश्रा
जांजगीर चाम्पा, 08 नवंबर 2021
छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अकलतरा ब्लॉक की सचिव अंबिका यादव की फांसी में लटकी लाश घर मे मिली है । खबर की सूचना मिलते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई। महिला कांग्रेस नेत्री के मौत के मामले में नैला पुलिस जांच कर रही है, फिलहाल मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। नैला पुलिस अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है।
इस मामले में नैला पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के अकलतरा ब्लाक कांग्रेस कमेटी के सचिव अम्बिका बाई यादव पति सखाराम यादव उम्र 35 वर्ष की लाश फांसी के फंदे से लटकी हुई हालत में उसके परसदा स्थित घर पर मिली है। अम्बिका बाई यादव ने किन परिस्थितियों में मौत को गले लगाया यह भी अनसुलझी पहेली है। बताया जा रहा है कि अम्बिका बाई यादव ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अकलतरा के सचिव के हैसियत से कल तिलाई गांव में हुए कांग्रेस की बैठक में शामिल होने गई थी। यह भी जानकारी मिली है कि उनके पति सखाराम यादव रायपुर में कहीं नौकरी करते हैं वो दीपावली पर घर आए थे और उसके बाद लौट गए थे। वहीं पिछले 2 दिनों से उनके दोनो बच्चे भी रिश्तेदारी में घूमने गए हुए हैं और आज सुबह लोगों को अम्बिका बाई के फांसी के फंदे से लटके होने की जानकारी मिली इसके बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई
अकलतरा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की सचिव अम्बिका बाई घर पर ही किराने का दुकान चलाती थी, वहीं पति रायपुर में काम करते हैं। आज सुबह जब आसपास के मोहल्ले के बच्चे किराना दुकान से सामान लेने पहुंचे तब दस्तक देने के बावजूद दुकान नहीं खुला जिसके बाद बच्चों ने खिड़की से झांक कर देखा तब वहां अम्बिका बाई की लाश पंखे पर फांसी के फंदे से लटकी हुई हालत में नजर आई, जिसके बाद बच्चों ने आसपास के लोगों को बताया और सूचना कोटवार के माध्यम से नैला पुलिस तक पहुंची।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव की हैसियत से कल हुई थी पहली बैठक में शामिल
क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं ने बताया कि अम्बिका बाई गांव में जनसेवा में लगातार सक्रिय रहती थीं, उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अकलतरा के सचिव की जिम्मेदारी हाल ही में दी गई थी और कल ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव की हैसियत से वह पहली बार जिला कांग्रेस अध्यक्ष के द्वारा तिलई गांव में आयोजित की गई बैठक में शामिल भी हुई थी ।
गांव में काफी सक्रिय थीं अमरीका बाई
परसदा गांव की सरपंच सुनीता यादव ने बताया कि अम्बिका बाई गांव में काफी सक्रिय रहती थी वह हर व्यक्ति के सुख दुख में शामिल होती थी, समस्या के वक्त सबसे पहले खड़ी होती थी और गांव में शराब के विरोध में रैलियां भी निकाला करती थी साथ ही सार्वजनिक जगहों पर नशा करने वालों के खिलाफ महिला समूह के माध्यम से मोर्चा भी खोले रखती थी से वह अपने गांव में काफी चर्चित महिला थी।
सखाराम की दूसरी पत्नी थी अम्बिका बाई
गांव के लोगों ने बताया कि अंबिकाबाई के प्रति सखाराम यादव ने दो शादियां की थी पहली पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी, मगर उनसे एक बच्चा था जो कि शिक्षा राम और अंबिका बाई के साथ रहता था । दूसरी पत्नी अंबिका बाई से भी सखाराम को एक बच्चा था इस तरह से दोनों बच्चों का पालन पोषण सखाराम और अंबिका भाई मिलकर करते थे