CG में CBI का छापा : चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े मामले में सीबीआई ने मारा छापा, 14 राज्यों के 77 स्थानों पर पड़ा छापा, पढ़िये चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी महत्वपूर्ण खबर

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 17 नवंबर 2021

इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी का रैकेट इन दिनों जोर शोर से चल रहा है । इस जघन्य अपराध के अपराधियों की पकड़ के लिए सीबीआई ने देश के 14 राज्यों में 77 स्थानों पर मंगलवार को छापा मारा । छत्तीसगढ़ के कोरबा के दर्री में भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की ।यहां से एक व्यक्ति को साथ ले जाए जाने की भी जानकारी है। इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि वह राजनीति से जुड़ा है। जांच एजेंसी ने आरोपियों के ठिकानों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए हैं।

 

 

 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बताया है, अभी तक की इकट्‌ठा हुई जानकारी के मुताबिक 50 से अधिक समूह हैं जिनमें 5 हजार से अधिक अपराधी बाल यौन शोषण सामग्री साझा कर रहे हैं। इनमें से कई समूहों में विदेशी नागरिकों की भी संलिप्तता है। इनमें कम से कम 100 देशों के लोग हो सकते हैं। CBI औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से सहयोगी एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है। आगे के सुरागों की तलाश और जांच जारी है।

देश के 14 राज्यों के 77 स्थानों पर छापा

जानकरी के मुताबिक CBI का यह छापा देश भर में 77 स्थानों पर पड़ा। इसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कोंच (जालौन), मऊ, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, नोएडा, झांसी, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में पड़े। गुजरात के जूनागढ़, भावनगर, जामनगर, पंजाब के संगरूर, मलेरकोटला, होशियारपुर और पटियाला में कार्रवाई हुई है। बिहार के पटना, सीवान, हरियाणा के यमुना नगर, पानीपत, सिरसा और हिसार भी छापे की जद में आए हैं। ओडिशा के भद्रक, जाजापुर, ढेंकानाल और तमिलनाडु के तिरुवलुरे, कोयंबटूर, नमक्कल, सेलम और तिरुवन्नामलाई में भी छापे पड़े हैं। राजस्थान के अजमेर, जयपुर, झुंझुनू, नागौर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर, महाराष्ट्र के जलगांव, सलवाड़, धुले, छत्तीसगढ़ के कोरबा और हिमाचल प्रदेश के सोलन में भी CBI पहुंची है।

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क्या है चाइल्ड पोर्नोग्राफी?

ऐसे मामलों में कानून और भी ज्यादा कड़ा है। बच्चों को सेक्सुअल एक्ट में या नग्न दिखाते हुए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में कोई चीज प्रकाशित करना या दूसरों को भेजना। इससे भी आगे बढ़कर कानून कहता है कि जो लोग बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री तैयार करते हैं, इकट्ठा करते हैं, ढूंढते हैं, देखते हैं, डाउनलोड करते हैं, विज्ञापन देते हैं, प्रमोट करते हैं, दूसरों के साथ लेनदेन करते हैं या बांटते हैं तो वह भी गैरकानूनी है। बच्चों को बहला-फुसलाकर ऑनलाइन संबंधों के लिए तैयार करना, फिर उनके साथ यौन संबंध बनाना या बच्चों से जुड़ी यौन गतिविधियों को रेकॉर्ड करना, एमएमएस बनाना, दूसरों को भेजना आदि भी इसके तहत आते हैं। यहां बच्चों से मतलब है – 18 साल से कम उम्र के लोग।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर कानून (Law on Child Pornography

आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 67 (बी), आईपीसी की धाराएं 292, 293, 294, 500, 506 और 509 सजा- पहले अपराध पर पांच साल की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना। दूसरे अपराध पर सात साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना है ।

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