धर्मांतरण पर सियासत : BJP ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर धर्मांतरण को लेकर पूछा बड़ा सवाल.. कहा : ‘क्या कांग्रेस सरकार इनके इशारे से कर रही है धर्मांतरण ?’

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Bjp प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय

भूपेश टांडिया

रायपुर 26 नवंबर 2021

रायपुर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ में लोगों को धर्मांतरण करने और कराने के लिए लोगों को और इस कुचक्र में संलिप्त संस्थाओं को दुष्प्रेरित कर रही है। धर्म चुनने को व्यक्ति का निजी और संवैधानिक अधिकार बताकर कांग्रेस नेता और भुपेश सरकार क्या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इशारे पर प्रदेश में धर्मांतरण को राजनीतिक संरक्षण दे रही है? साय ने सवाल किया कि चूँकि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ईसाई हैं तो क्या पूरे छत्तीसगगढ़ को धर्मांतरित करके ईसाईगढ़ में तब्दील कर दिया जाएगा? साय ने कहा कि प्रदेश में लगातार बढ़ रहे मतांतरण से यह आशंका घनीभूत हो रही है कि प्रदेश सरकार धर्मांतरण को संरक्षण देकर कांग्रेस का वोट बैंक बनाने के किसी टूलकिटिया एजेंडे पर काम कर रही है।

 

 

 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि इससे पहले तो कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी राजनीतिक दल का मुखिया जिस जाति, धर्म या समुदाय का हो, वह राजनीतिक दल अपने शासित प्रदेशों के सभी निवासियों को उसी धर्म, जाति या समुदाय में जाने के लिए दुष्प्रेरित करे। प्रदेश सरकार साफ़ करे कि यह किसके इशारे पर धर्मांतरण का कुचक्र चल रहा है? साय ने सुकमा एसपी के बाद अब बस्तर के कमिश्नर द्वारा भी बस्तर संभाग में धर्मांतरण के और भी संवेदनशील होने की आशंका व्यक्त कर कलेक्टरों को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा कि कमिश्नर का कलेक्टरों को इस मामले में पूरी गोपनीयता बरतते हुए प्रभावशाली तरीक़े से कार्रवाई करने का निर्देश प्रदेश सरकार को संज्ञान में लेकर धर्मांतरण की भयावहता को समझने की ज़रूरत है।

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि आदिवासियों के बीच धर्मांतरण का कुचक्र चला रहे लोग न केवल आदिवासी समाज की धर्मिक आस्थाओं, संस्कृति और परम्पराओं पर सीधा प्रहार कर रहे हैं, अपितु आदिवासी समाज को आपसी विद्वेष का शिकार बनाकर आपस में लड़ा भी रहे हैं। इस लिहाज से बस्तर कमिश्नर के पत्र को गंभीरता से लेकर धर्मांतरण को रोकने की दिशा सख़्त पहल की जानी चाहिए। साय ने कहा कि प्रदेश सरकार धर्मांतरण के लगातार सामने आ रहे मामलों और आदिवासी समाज के आंदोलनों को क़तई गंभीरता से लेकर कार्रवाई करती नहीं दिख रही है, उल्टे अब संविधान और अधिकारों की दुहाई देकर प्रदेश सरकार धर्मांतरण को बढ़ावा देने का बेहद घातक और शर्मनाक कृत्य कर रही है। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है।

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