वाह! : छत्तीसगढ़ में हुआ है सर्वाधिक लंबाई के बैंगन ‘‘निरंजन‘‘ का ईजाद, ईजादकर्ता कृषक लीलाराम मुख्यमंत्री द्वारा राज्य स्तरीय कृषक सम्मान से सम्मानित

Exclusive Latest छत्तीसगढ़ रायपुर

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 06 दिसम्बर 2021

कृषि के क्षेत्र में नवीनत्म तकनीक का समावेश कर कृषक लीलाराम साहू ने बैंगन की नई किस्म ईजाद की है। इसे निरंजन बैंगन का नाम दिया गया है। इसकी खासियत यह है कि देश मे उत्पादित विभिन्न प्रजातियों के बैंगन में से इसकी लंबाई सर्वाधिक हैं। इसकी लंबाई अधिकत्म दो फीट तक हो सकती है। धमतरी जिले के कुरूद निवासी लीलाराम को उसकी इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आज राज्य स्तरीय कृषक सम्मान से सम्मानित किया गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के द्वारा साहू को उनके ‘निरंजन‘ बैंगन के उत्पाद के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।

 

 

 

पुरस्कार प्राप्त करते किसान

लीलाराम ने उत्कृष्ट सब्जीवर्गीय उत्पादन के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं, इनमें से एक निरंजन बैंगन है। इसमें बीज की मात्रा कम और पल्प अधिक होता है, जिसके कारण यह बेहद स्वादिष्ट होता है। सब्जी उत्पादक कृषक लीलाराम साहू ने बताया कि इसे तैयार करने के लिए उन्होंने पारम्परिक रूप से देशी सिंघी भटा के बीज तैयार करने के लिए शुद्ध घी 100 ग्राम, शहद 200 ग्राम, बरगद के पेड़ की जड़ के पास की मिट्टी 500 ग्राम, गोमूत्र 2400 ग्राम, गोबर 1200 ग्राम में आवश्यक पोषक तत्व मिलाया जाता है। उपचारित बीज का प्रसंस्करण किया गया। इसके बाद बीजों में अंकुरण ज्यादा लाने, निरोग बनाए रखने, फल की लम्बाई में वृद्धि करने व गुदा की मात्रा बढ़ाने और स्वाद में बढ़ोतरी करने का कार्य भी किया गया। परिणामस्वरूप नवाचारी गुण से परिपूर्ण बैंगन की नई किस्म विकसित हुई। उन्होंने बताया कि इस बैंगन का नाम निरंजन उन्होंने अपने-अपने पिताजी के नाम पर किया है।

पढ़ें   नयी पहल : एसईसीएल में पहली बार मियावाकी विधि से होगा वृक्षारोपण

उक्त नवाचारी बैंगन के बीज को उनके द्वारा धमतरी सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के प्रगतिशील किसानों को हर साल निःशुल्क वितरण किया जाता है। आज निरंजन बैंगन की खेती छत्तीसगढ़ के अलावा मणिपुर, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, गुजरात, महाराष्ट्र सहित केरल राज्य में भी की जाती है। बैंगन की उक्त प्रजाति के लिए राष्ट्रीय नवप्रवर्तक संस्थान अहमदाबाद के द्वारा डॉक्यूमेंटेशन के उपरांत साल-2017 में पेटेंट भी किया गया था।

Share