भूपेश टांडिया
रायपुर 7 दिसंबर 2021
आईआईटी की डेटा साइंटिस्ट टीम ने दावा किया कि देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर में अधिकतम मामले 1 से 1.5 लाख प्रति दिन तक आ सकते हैं। टीम में शामिल डेटा वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि तीसरी लहर के पीछे ओमिक्रोन वेरिएंट जिम्मेदार हो सकता है।
भारत में ओमिक्रोन वेरिएंट के मामले जब से सामने आए हैं, तभी से इस वेरिएंट के संक्रमित मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि टीम ने दावा किया है कि दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर काफी कमजोर होने की उम्मीद है। IIT डेटा साइंटिस्ट टीम के मुताबिक तीसरी लहर में अधिकतम मामले प्रतिदिन 1 से 1.5 लाख तक आ सकते हैं।
डेल्टा वेरिएंट जितना खतरनाक नहीं होगा ओमिक्रोन
IIT डेटा साइंटिस्ट टीम का कहना है कि नए वेरिएंट ने सभी को चिंता में डाल दिया है। लेकिन अभी तक यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ओमिक्रोन डेल्टा वेरिएंट की तरह ज्यादा खतरनाक नहीं होगा। दक्षिण अफ्रीका में पाए जा रहे मामलों पर गौर करने की जरूरत है, जहां केसों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या अभी भी बेहद कम है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
लॉकडाउन कर सकता है मदद
अग्रवाल ने कहा कि पिछली बार रात्रि कर्फ्यू और भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों को रोककर संक्रमितों की संख्या में कमी लाई गई थी, लेकिन यदि ओमिक्रोन वेरिएंट के मामले बढ़ते हैं तो हल्के स्तर पर लॉकडाउन लागू कर काबू पाया जा सकता है।
पहले ही जताई जा रही थी तीसरी लहर की आशंका
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने एक फॉर्मूला-मॉडल पेश किया था, जिसमें अक्टूबर में वायरस का एक नया रूप सामने आने पर तीसरी लहर की आशंका जताई गई थी। हालांकि नवंबर के आखिरी हफ्ते में एक नया वेरिएंट Omicron सामने आया है, इसलिए विभाग के मॉडल में व्यक्त आशंका पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है, केवल समय बदल सकता है।
50 फीसदी आबादी को लग चुका वैक्सीन के दोनों डोज
कोरोना के खिलाफ टीकाकरण को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पहले ने बता चुके हैं कि देश में फिलहाल 50 फीसदी से अधिक आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशवासियों से COVID-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए इस गति को बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।