शिक्षा विभाग के ‘कथित डायरी’ के आरोपी गिरफ्तार : पूर्व DEO ने संविदा पोस्टिंग नहीं मिलने से बनाया प्लान, 2500 रुपये में बना डाला 366 करोड़ की फर्जीवाड़ा की साजिश, पुलिस ने किया तीनों आरोपियों को गिरफ्तार

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 15 जनवरी 2022

नौकरी में रिटायरमेंट के बाद भी संविदा में नियुक्ति की चाहत और चाहत पूरा न होने से मनगढ़त कहानी बनाकर साजिश करना पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गेंदराम चन्द्राकर को भारी पड़ गया । मामले में रायपुर पुलिस के SSP प्रशांत अग्रवाल ने इन गिरफ्तारियों की जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी चंद्राकर को रिटायरमेंट के बाद संविदा पर पोस्टिंग चाहिए थी। ये पोस्ट नहीं मिली तो इसने जिला शिक्षा अधिकारी ए.एन.बंजारा, संयुक्त संचालक के.सी.काबरा, तत्कालीन ओ.एस.डी. आर.एन. सिंह, ए.बी.ई.ओ. प्रदीप शर्मा और मंत्री के निज सचिव अजय सोनी के खिलाफ एक घोटाले की कहानी रच दी, एक डायरी में मंत्री प्रेम साय टेकाम का नाम लिखकर हजारों कर्मचारियों से पोस्टिंग, ट्रांसफर के नाम पर रुपए लेने की बात लिखी। कुल 366 करोड़ के लेन-देन का जिक्र किया। एक शिकायत पत्र तैयार करके इसमें लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे के नाम का इस्तेमाल किया। ये शिकायती पत्र कई अफसरों, मीडिया हाउस और नेताओं को डाक के जरिए भेज दिए।

 

 

 

2500 रुपए में रची साजिश

पुलिस के मुताबिक जीआर चंद्राकर ने घपले की शिकायत का फर्जी लेटर असली लगे इसके लिए अपने साथी कपिल कुमार की मदद ली। कपिल को अफसर आशुतोष चावरे के नाम से शिकायत टाईप करने और उप संचालक लोक शिक्षण के नाम से सील (रबर) तैयार करने के लिए 2500 रुपए दिए। इसी के आधार पर फर्जी शिकायती पत्र तैयार करके वायरल किया गया।

चंद्राकर ने अपने साथी संजय सिंह के साथ मिलकर कई लोगों का नाम लिखकर लेन-देन की बात एक डायरी में लिखी, बाद में इस डायरी को जलाकर नष्ट कर दिया। कुछ दस्तावेज संजय के पास ही थे, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। चूंकि खुद चंद्राकर शिक्षा विभाग में अफसर था, उनसे ट्रांसफर, पोस्टिंग में उन्हीं कर्मचारियों और अफसरों के नाम का इस्तेमाल किया जिनका असल में ट्रांसफर या पोस्टिंग की गई है, ताकि मामला असल लगे।

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ऐसे आए पकड़ में

प्लान के मुताबिक सब ठीक चल रहा था। पिछले कुछ दिनों में डाक के जरिए अपनी बनाई डायरी की डिटेल और फर्जी शिकायती पत्र मीडिया और नेताओं को भेजने में तीनों कामयाब रहे। मगर जब उप संचालक लोक शिक्षण आशुतोष चावरे ने थाने में जाकर ये शिकायत कर दी कि उनके नाम से जो शिकायती खत इधर-इधर भेजे जा रहे हैं उसमें उनके हस्ताक्षर नहीं हैं, तो मामला खुला। पुलिस ने डाक में आई चिटि्ठयों को भेजने वालों का पता लगाया, CCTV कैमरों की जांच से पुलिस के हाथ कपिल तक पहुंचे और कपिल ने सारा राज उगलकर चंद्राकर और संजय सिंह को भी पकड़वा दिया ।

 

शिक्षा मंत्री ने भी की थी जांच की मांग

प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी इस मामले में सीएम से उचित जांच की मांग की थी । मामले में पुलिस ने भी त्वरित एक्शन दिखाते हुए आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी पाई है ।

 

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