प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 23 जनवरी 2022
भिलाई और रिसाली नगर निगम को 32 साल बाद वह जमीन मिलने वाली हैं जो दोनों नगर निगमों की तस्वीर बदल सकता है । दरअसल, 32 साल बाद भिलाई इस्पात संयंत्र की अर्जित 290. 26 एकड़ जमीन रिसाली और भिलाई नगर निगम को ट्रांसफर हो जाने से । दुर्ग ग्रामीण विधायक व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और विधायक देवेंद्र यादव की इस पहल पर नवगठित रिसाली निगम क्षेत्र की तस्वीर बदलने की संभावना है। गृहमंत्री की उपस्थिति में जमीन हस्तांतरण के एवज में रिसाली नगर पालिक निगम ने 215539 रूपए का चेक भिलाई इस्पात संयंत्र को सौंपा। साथ ही 151 एकड़ जमीन हस्तांतरण के लिए जल्द ओएमयू किया जाएगा ।
अहम तथ्य यह है कि साडा कार्यकाल के समय से वर्तमान भिलाई नगर पालिक सीमा क्षेत्र के 136.56 सकड़ जमीन और नवगठित रिसाली नगर पालिक निगम के सीमा में आने वाले 153.70 एकड़ जमीन को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। हस्तांतरण की राशि जमा करने 19 सितंबर 1990 को बीएसपी ने तत्कालीन कलेक्टर को पत्र लिखा था। इसके बाद आगे की प्रक्रिया पर विराम लग गया था। रिसाली नगर निगम के गठन बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भूमि हस्तांतरण के लिए लगातार बैठक करते रहे। परिणाम स्वरूप शनिवार को कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे बीएसपी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिर्बान दास गुप्ता, रिसाली निगम आयुक्त आशीष देवांगन, भिलाई निगम के अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी की उपस्थिति में राशि हस्तांतरण कर 290 एकड़ भूमि रिसाली व भिलाई निगम के अभिलेख में दर्ज करने सहमति बनी। इस अवसर पर रिसाली निगम महापौर शशि सिन्हा, भिलाई महापौर नीरज पाल, सभापति केशव बंछोर, एसडीएम विनय कुमार पोयाम आदि उपस्थित थे।
शीघ्र होगा 151 एकड़ के लिए एमओयू
रिसाली नगर निगम विकास के लिए बीएसपी से लगातार भूमि की मांग कर रहा है। वर्तमान स्थिति में बीएसपी की जमीन अतिक्रमण की चपेट में है। कार्यालय, महाविद्यालय, अस्पताल निर्माण के लिए जगह की आवश्यकता है। इसे देखते हुए गृहमंत्री ने देर शाम अपने निवास में पुनः बैठल ली और अधिकारियों को निर्देश दिए कि 151 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने शीघ्र कार्यवाही करें। उतई नगर पंचायत के लिए भी जमीन उपलब्ध कराए जाने बीएसपी से चर्चा हुई । गृह मंत्री ने कहा कि विकास के लिए उतई नगर पंचायत के पास भूमि नहीं है। बस स्टैण्ड की जमीन भी डूमरडीह खसरे की है। उन्होंने बीएसपी से कहा कि काॅलेज व उतई थाना से लगी भूमि भी उतई नगर पंचायत को हस्तांतरित करे।